चंपावत। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने इतिहास रचा है। न केवल एथलेटिक्स में पहली बार स्वर्ण पदक जीता, बल्कि सबसे ज्यादा सात पदक (एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य) पहली बार भारत की झोली में आए हैं।
भाला फेंक में सूबेदार नीरज चोपड़ा के असाधारण प्रदर्शन के बाद खेलों को लेकर फिर जोश भर गया है, लेकिन सच्चाई यह है कि साधन और संसाधनों की कमी खेल प्रतिभाओं को रोक रही है।
चंपावत जिले को ही लें, यहां स्टेडियम से लेकर अन्य सुविधाएं गायब हैं। यहां तक कि खेल बजट में भी लगातार कमी हुई है। छह साल में जिला योजना का खेल बजट 78.85 प्रतिशत कम हुआ है।