कोविड-19 मामलों में हो रही बेतहाशा वृद्धि ने मंगलवार को चैत्र पूर्णिमा के अवसर पर हरिद्वार महाकुंभ के आखिरी शाही स्नान के उल्लास को फीका कर दिया. विभिन्न अखाड़ों के करीब 670 साधु-संतों ने हर की पौड़ी पर गंगा में डुबकी लगाई. कोरोना संक्रमण के खौफ की वजह से आखिरी शाही स्नान को प्रतीकात्मक रखा गया था. हर की पौड़ी का मुख्य स्नान घाट शाही स्नान के कारण केवल अखाड़े के साधुओं के लिए आरक्षित था.
साधुओं ने गंगा में लगाई डुबकी
हरिद्वार की जोनल अधिकारी (अभिसूचना) सुनीता वर्मा ने बताया कि पहले जूना, अग्नि, आवाहन और किन्नर अखाड़ों के 600 साधुओं ने स्नान किया जिसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ों के 70 साधुओं ने गंगा में डुबकी लगाई. उन्होंने बताया कि हर की पौड़ी पर अभी शाम तक सात और अखाड़ों को गंगा स्नान करना है.