गुजरात के गोधरा कांड के बाद हुए नरोदा गाम हिंसा की घटना के सभी 67 आरोपियों को बरी करने वाली विशेष अदालत ने इस मामले में SC की गठित विशेष जांच दल की जांच की आलोचना की।
अदालत ने कहा कि, अभियोजन पक्ष के गवाहों के सबूत विरोधाभासों से भरे थे और उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता था। दरअसल, 27 फरवरी 2002 को कारसेवकों से भरी अयोध्या से लौट रही एक ट्रेन पर हमला कर दिया गया था। इस गोधरा ट्रेन कांड में 58 कारसेवकों की मौत हो गई थी।
वहीं इसके एक दिन बाद अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में हिंसा हो गई थी। 28 फरवरी, 2002 को हुई सांप्रदायिक हिंसा में 11 लोग मारे गए थे। इस मामले में 86 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। हालांकि, 86 में से अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। भाजपा नेता माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी 86 आरोपियों में शामिल थे, जिन पर मुकदमा चल रहा था।