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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 18 May 2023 3:01 pm IST


एसिड अटैक में चली गईं आंखें, लेकिन नहीं मानी हार, मुश्किलों को मात देकर कैफ़ी ने 10वीं में किया टॉप


जब मैं तीन वर्ष की थी तो परिवार से रंजिश रखने वाले कुछ लोगों ने मेरे ऊपर एसिड फेंक दिया जिससे मेरा चेहरा खराब हो गया और आंखों की रोशनी चली गई। ये कहना है सीबीएसई  बोर्ड की 10वीं परीक्षा में 95.20 प्रतिशत अंक लाकर स्कूल में टॉप  करने वाले कैफ़ी की। कैफ़ी बताते हैं कि तीन साल तक दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज चला लेकिन आंखों की रोशनी वापस नहीं आ सकी। इसके बाद आठ साल की हुई तो माता-पिता ने पहली कक्षा में एडमिशन दिलाया। कैफ़ी चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित ब्लाइंड स्कूल की स्टूडेंट हैं।
कैफी ने बताया कि उनका परिवार हरियाणा के हिसार जिले का रहने वाला है। उनके पिता पवन चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में हरियाणा सरकार के एक विभाग में बतौर चपरासी काम करते हैं जबकि मां सुमन हाउस गृहणी हैं। उनके साथ एसिड अटैक का ये हादसा हिसार में होली के दिन हुआ था। उन्होंने बताया  कि मैं अपने अंकल के घर के बाहर उनके साथ बैठी हुई थी तभी हमारे परिवार से रंजिश रखने वाले गांव के ही कुछ लोग आये तो मेरे अंकल ने सोचा कि वे शायद होली का रंग लगाने आए हैं लेकिन उन लोगों ने पास आते ही मेरे ऊपर एसिड फेंक दिया। कैफ़ी कहती हैं कि इस घटना के बाद मेरा चेहरा हमेशा के लिए खराब हो गया और मेरी दोनों आंखों की रोशनी भी चली गई।