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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 26 Dec 2021 9:30 pm IST

अंतरराष्ट्रीय

फ्रॉम होम करने वाले लोगों में बढ़ गया है खतरा


दुनियाभर में पिछले करीब दो साल से जारी कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन ने लंबे समय तक लोगों को घरों में रहने को मजबूर कर दिया। एहतियात को तौर पर कॉलेज और कार्यालयों के काम घर से होने शुरू हुए। वर्क फ्रॉम होम के इस कल्चर ने एक ओर जहां लोगों को कोरोना महामारी से सुरक्षित रहने में भूमिका निभाई वहीं इसके कारण शारीरिक निष्क्रियता, अस्वास्थ्यकर आहार, मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार और मोटापे का खतरा बढ़ गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञ वर्क फ्रॉम होम के दौरान जीवनशैली में आए बदलाव को सेहत के लिए काफी गंभीर मानते हैं। इसी से संबंधित हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि लॉकडाउन के कारण लोगों में बढ़ी शारीरिक निष्क्रियता मौत का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक शारीरिक निष्क्रियता के कारण मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित हो जाती है, जो स्ट्रोक का कारण बन सकती है। लोगों के लिए यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।