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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 11 Sep 2021 8:52 am IST


निबंध प्रतियोगिता में छलका कैदियों का दर्द, परीक्षक भी हुए भावुक


देहरादून। उन्होंने जाने अंजाने में जुर्म किया और इसकी सजा भी भुगत रहे हैं। वर्षों जेल की काल कोठरी में बिताने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि परोपकार सबसे जरूरी है। दुनिया तलवार से नहीं कलम से जीती जाती है। तभी तो दिल की बात को कलम के सहारे कोरे कागज पर उतार दिया। इसमें कैदियों का दर्द तो छलका ही लेकिन उनकी लेखनी ने एग्जामिनरों को भी भावुक कर दिया। देहरादून की सुद्धोवाला जेल में जेलर पवन कोठारी के प्रयासों से 'मेरा अपराध क्या खोया क्या पाया' विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में कैदियों का दर्द पूरी तरह से छलक पड़ा। कैदियों ने न सिर्फ गलती पर पछतावा किया, बल्कि उन नौजवानों को भी संदेश दिया जो कि छोटी-मोटी बातों पर मरने मारने की बात पर उतारू हो जाते हैं। प्रतियोगिता में अच्छा निबंध लिखने वाले प्रतिभागी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।