नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर जिले में कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 280 हो गई और एक हजार से अधिक यात्री घायल हो गए। भारतीय रेलवे के इतिहास में इस चौथी सबसे बड़ी रेल दुर्घटना से पूरा देश तो शोक में है ही साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी इस रेल हादसे पर शोक जताया है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी घटनास्थल पर पहुँच रहे हैं, वह अस्पतालों में जाकर घायलों का हाल भी जानेंगे। उधर, रेलवे ने इस दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। रेल मंत्री ने दुर्घटना स्थल का जायजा लिया है और स्थानीय अस्पतालों में जाकर भी घायलों का हाल जाना है। प्रधानमंत्री और रेलवे ने रेल हादसे के पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है और स्थानीय अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा रेल यात्रियों को अन्य साधनों के जरिये उनके गंतव्य तक पहुँचाया जा रहा है।
उधर, दुर्घटना स्थल पर बचावकर्ता गैस टॉर्च और इलेक्ट्रिक कटर की मदद से रातभर रेलगाड़ियों के बीच फंसे जीवित लोगों और शवों को बाहर निकालने की कोशिश करते रहे। भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया कि 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बस और 45 सचल स्वास्थ्य इकाइयां दुर्घटनास्थल पर काम कर रही हैं। शवों को ट्रैक्टर समेत विभिन्न प्रकार के वाहनों में अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने ट्वीट किया, बालासोर ट्रेन हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 233 हो गई है।
बताते चलें कि कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण में बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम को सात बजे के करीब भीषण ट्रेन हादसा हो गया। रेलवे के एक अधिकारी के अनुसार, हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। अधिकारी ने कहा, पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए। उन्होंने बताया कि चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई।