नई दिल्ली/भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए रेल हादसे में 288 नहीं बल्कि 275 लोगों की मौत हुई है। ये जानकारी ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने दी है। उन्होंने ये भी बताया कि 1,175 घायलों में से 793 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।
793 घायलों को इलाज के बाद दे दी गई छुट्टी
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में मुख्य
सचिव प्रदीप जेना ने बताया कि कल रेलवे ने साझा किया था कि मरने वालों की संख्या 288 हो चुकी है। कल
रात जिलाधिकारी और उनकी पूरी टीम
ने एक-एक शव की जांच की। डीएम द्वारा डेटा की
जांच की गई और पाया गया कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गई है, इसलिए मरने वालों
की संख्या को संशोधित कर 275 कर दिया गया है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि 1,175 घायलों में से 793 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। यह आंकड़ा दोपहर 2 बजे के आस-पास
अपडेट किया जाएगा।
#WATCH कल रेलवे ने साझा किया था कि मरने वालों की संख्या 288 हो चुकी है। कल रात DM और उनकी पूरी टीम ने एक-एक शव की जांच की। DM द्वारा डेटा की जांच की गई और पाया गया कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गई है, इसलिए मरने वालों की संख्या को संशोधित कर 275 कर दिया गया है: ओडिशा के मुख्य… pic.twitter.com/e7lKwaLrrv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 4, 2023
कोरोमंडल एक्सप्रेस के यात्रियों को सबसे ज्यादा नुकसान: जया
वर्मा सिन्हा
वहीं, दूसरी ओर रेलवे
बोर्ड ने प्रेस कॉन्फेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। इस दौरान जया वर्मा सिन्हा, सदस्य संचालन
व्यवसाय विकास ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सिग्नल के साथ कुछ समस्या पाई गई
है। आगे की जांच जारी है। दो लूप लाइनों पर मालगाड़ी खड़ी थी। कोरोमंडल एक्सप्रेस
की रफ्तार 128 किमी प्रति घंटा
थी। यशवंतपुर एक्सप्रेस ट्रेन भी 126 किमी की स्पीड से आ रही थी। इस दौरान कोरोमंडल एक्सप्रेस
मालगाड़ी से टकरा गई। मालगाड़ी में लोहा लदा हुआ था। इस वजह से मालगाड़ी के डिब्बे
अपनी जगह से हिले भी नहीं और यही कारण है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस के यात्रियों को
सबसे अधिक नुकसान हुआ है। हेल्पलाइन नंबर 139 पर बड़े अफसर बैठे हुए हैं।
शुरुआती जांच में सिग्नल में गड़बड़ी होने की बात
जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि हादसे के दौरान यशवंतपुर
एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी। टक्कर के बाद पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के
डिब्बे यशवंतपुर एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बों से टकरा गए। इस वजह से यशवंतपुर
एक्सप्रेस के डिब्बे भी पटरी से उतर गए। उन्होंने बताया कि रेलवे ने हादसे के बाद
सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया, उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। बहानागा स्टेशन पर चार लाइनें हैं, जिसमें से दो मेन लाइन हैं।
लूप लाइन पर एक मालगाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिला था। दोनों
गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रही थी। प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में
गड़बड़ी हुई है। घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल आई थी।
#WATCH रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। बहानागा स्टेशन पर 4 लाइने हैं। इसमें 2 मेन लाइन है। लूप लाइन पर एक माल गाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिली थी। दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रही थी। प्रारंभिक… pic.twitter.com/mlgv2ftFeZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 4, 2023
विशेष विमान से भुवनेश्वर पहुंची विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम
उधर, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बालासोर ट्रेन हादसे में घायल यात्रियों से भद्रक के सरकारी अस्पताल पहुंचकर मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से बातचीत में रेल मंत्री ने बताया कि भद्रक के सरकारी अस्पताल में करीब-करीब सभी मरीजों की अपने परिवार से बातचीत हो चुकी है। मैं भद्रक मेडिकल के सभी डॉक्टर्स और कर्मचारियों का धन्यवाद देना चाहूंगा। उन्होंने मरीजों की बहुत अच्छे से सेवा की है। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि रेल दुर्घटना में जख्मी लोगों को उत्तम उपचार मिल पाए, इसके लिए दिल्ली AIIMS के नेतृत्व में सभी अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टर्स को लेकर वायुसेना के विशेष विमान द्वारा एक टीम भुवनेश्वर पहुंची है। इस टीम के साथ आधुनिक उपकरण भी हैं, जिससे इलाज में सहायता हो सके।