3 जुलाई को मानेसर में हुई महापंचायत के बाद लगभग 300 मुस्लिम परिवार पलायन कर चुके हैं। और अपने गृह राज्य असम चले गए हैं। बचे हुए परिवारों में भी डर व्याप्त है।
दरअसल पंचायत में बिना पहचान पत्र और बिना पुलिस वेरिफिकेशन के रह रहे पूर्वोत्तर के मुसलमानों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने का फैसला किया गया था। जिसके बाद से यह पलायन शुरु हुआ है। असम के बरपेटा जिले निवासी मुसलमानों का कहना है कि, मानेसर में हुई महापंचायत के बाद लोगों ने काफी विचार-विमर्श किया और फिर पलायन का फैसला किया।
यहां अगर किसी के पास आधार कार्ड है लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हो पाया है। तो महापंचायत के फैसले के मुताबिक, वापस भेजा जाएगा। इस समय मानेसर में करीब 8-10 अल्पसंख्यक परिवार ही रह गए हैं। जो कि जल्द ही ठेकेदार से अपने कबाड़ के पैसे लेने के बाद अपने राज्य लौट जाएंगे।