पूरे देशभर में आज होली त्योहार की धूम है। भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक होली में खानपान का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व काफी रोचक है। हालांकि, इस बार कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण त्योहार को लेकर कोई सार्वजनिक आयोजन नहीं किया जाएगा। होली के त्योहार में अगर खानपान की बात की जाए, तो भांग का जिक्र जरूर आता है। इस खास मौके पर कई लोग ठंडाई में मिलाकर भांग का सेवन करते हैं।
भांग को लेकर कई तरह की धार्मिक कहानियां प्रचलित है। एक किंवदंती के मुताबिक, शिव वैराग्य में थे अपने ध्यान में लीन थे। लेकिन पार्वती जी चाहती थीं कि वो ये तपस्या छोड़कर दांपत्य जीवन का सुख भोगें। ऐसे में कामदेव ने फूल बांधकर एक तीर शिव पर छोड़ा था, ताकि उनका तप भंग हो सके। इस कहानी के मुताबिक, भगवान शिव जी, जब वैराग्य से गृहस्थ जीवन में लौटे, तो उत्सव को मनाने के लिए भांग का प्रचलन शुरू हुआ।
बता दें कि भांग का इस्तेमाल दवा के रूप में भी किया जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भांग आपके सीखने और याद करने की क्षमता बढ़ाती है। इसका इस्तेमाल कई मानसिक बीमारियों में भी किया जाता है। कान का दर्द होने पर भांग की पत्तियों के रस को कान में डालने से दर्द से राहत मिलती है।