उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने हरिद्वार में धर्म संसद के नाम पर साधु संतों द्वारा भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने को लेकर आज प्रबोधानंद गिरि की याचिका पर सुनवाई की. वेकेशन जज न्यायमूर्ति एनएस धनिक की एकलपीठ ने मामले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनते हुए सरकार से 25 जनवरी तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई की तिथि 25 जनवरी नियत की है। मामले के अनुसार नदीम अली निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में 2 जनवरी 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा गया है कि हिन्दू साधु संतों द्वारा हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन 17 से 19 दिसम्बर को किया गया था. धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान किया गया. आरोप लगाया गया कि मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ कुरान व पैगम्बर साहब के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी किया गया.