इंफाल: मणिपुर राज्य के 40 विधायकों ने बुधवार
को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने अपनी छह मांगें रखी हैं। इनमें मणिपुर में एनआरसी (NRC) लागू करने, शांतिवार्ता की पहल करने और
उग्रवादियों से
हथियार वापस लेने की बात शामिल है।
वहीं, विशेष विधानसभा सत्र की मांग को लेकर सैकड़ों महिलाओं ने बुधवार रात लगभग 9.30 बजे इंफाल के
कीसंपत, इंफाल पूर्वी
जिले के वांगखेई और कोंगबा, कीसमथोंग और
क्वाकीथेल में मशाल जुलूस भी निकाला। उधर, असम राइफल्स और स्थानीय पुलिस आमने-सामने
हो गए हैं। दोनों के बीच टकराव बढ़ गया है।
विधायकों के पत्र में लिखीं मांगें
-सुरक्षाबलों की साधारण तैनाती काफी नहीं। हिंसा को रोकने
के लिए उपद्रवियों से हथियार वापसी बेहद जरूरी है। कई खबरें आईं, जब किसान खेतों
में काम करने बाहर गए और ऊंचाई पर बैठे लोगों ने उन पर गोलियां चला दीं। इन घटनाओं
में अत्याधुनिक हथियार स्नाइपर राइफल और रॉकेट ग्रेनेड इस्तेमाल हुए हैं। कई बार
ये घटनाएं केंद्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी में हुईं और वे कुछ नहीं कर सके। इससे
उन लोगों को भरोसा कम हुआ और गुस्सा बढ़ा। असम राइफल्स (9, 22 और 37) को हटाकर उनकी
जगह राज्य और सेंट्रल फोर्स को तैनात किया जाए, जिससे शांति बहाल हो सके।
-30 कुकी समुदाय के 25 समूहों के साथ 2008 में हुए
सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन के समझौते को वापस लिया जाए, क्योंकि यहां नियमों का उल्लंघन किया है। राज्य में
हथियारों और गोला-बारूद समेत बड़े पैमाने पर विदेशी घुसपैठ हुई है। इनके सोर्स और
फंडिंग की जांच की जाए, ताकि यह पता चल
सके कि पिछले तीन महीनों से संघर्ष कैसे चल रहा है और हथियार कैसे आ रहे हैं।
-संघर्ष को रोकने के लिए इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से देखा
जाना चाहिए। कई ऑप्शन हैं,
उनमें से एक
मणिपुर के मूल निवासियों के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स को जल्द लागू किया जा
सकता है। अप्रवासियों के बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन की जो शुरुआत हुई है, उसे और मजबूती दी
जाए।
-यह एक सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट है, जिसे जरूर उठाया जाना चाहिए। ITLF/कुकी की मांग पर
राज्य में अलग प्रशासन किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है।
-सभी समुदायों का भरोसा दिलाने के लिए ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट
काउंसिल (ADC) को मजबूत करें।
हिल एरिया कमेटी और छह एडीसी के लिए नियमित
चुनाव पर विचार कर सकते हैं।
-इन पांच बातों के पूरा होने के बाद आवश्यक शांति वार्ता
शुरू की जा सकती है और चल रहे संकट का एक परमानेंट सॉल्यूशन निकाला जा सकता है।