गोरखपुर: छह साल पहले तक जिस गीडा में निवेश करने से निवेशक कतराते थे, बदले माहौल में वहां हैवी इंडस्ट्री लगने लगी है। रविवार को एक नई और अत्याधुनिक हैवी इंडस्ट्री औपचारिक रूप से उद्घाटित हो जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रतिष्ठित उद्योग समूह मेसर्स अंकुर उद्योग लिमिटेड के इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट का उदघाटन करेंगे।
गीडा की तरफ से एएल-2 सेक्टर 23 में आवंटित 82 एकड़ क्षेत्रफल में फैले और 550 करोड़ रुपये के निवेश वाले इस प्लांट में
टीएमएक्स (थरमैक्स पॉवर्ड) सरिया का उत्पादन शुरू हो चुका है, जबकि इसमें 30 मेगावाट का कैप्टिव पॉवर प्लांट भी अंतर्निहित है। प्लांट
के क्रियाशील होने से दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष और पांच हजार लोगों को
परोक्ष रोजगार मिला है। प्लांट का
सफलतापूर्वक संचालन करने के साथ ही अंकुर उद्योग लिमिटेड ने इसके विस्तार के लिए 700 करोड़ रुपये के
निवेश का एमओयू ग्लोबल भी इन्वेस्टर्स समिट में किया है।
2020 में शुरू हुई थी प्लांट की स्थापना
इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट की उत्पादन क्षमता तीन लाख टन
प्रति वर्ष की है। प्लांट की स्थापना का कार्य 2020 में शुरू हुआ था। प्रदेश सरकार की निवेश
प्रोत्साहन नीति 2020 के अंतर्गत मेगा
प्लस श्रेणी की इस परियोजना की डिजाइनिंग देश के अग्रणी स्टील इंडस्ट्री सलाहकार
और तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा की गई है। इसकी स्थापना में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी
का इस्तेमाल किया गया है। अंकुर उद्योग लिमिटेड ने डेढ़ किमी ट्रैक की लंबाई में
प्राइवेट रेलवे साइडिंग विकसित किया है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से कच्चा माल
मंगाने के लिए फैक्ट्री परिसर में 700 मीटर की लंबाई में अनलोडिंग प्लेटफार्म भी बनाया गया है।
यहां टीएमएक्स बार का उत्पादन हो रहा है जो टीएमटी का बदला हुआ और बेहतर रूप है।
अंकुर उद्योग समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अशोक जालान
का कहना है कि फैक्ट्री संचालन के लिए ऊर्जा की सम्पूर्ण जरूरत यहीं के कैप्टिव
पॉवर प्लांट से पूरी हो रही है। खास बात यह है कि ऊर्जा उत्पादन का 65 फीसद हिस्सा
फैक्ट्री के ही 'वेस्ट' से ही मिल रहा
है। अल्ट्रा मॉडर्न स्टेट ऑफ आर्ट प्रौद्योगिकी से यहां टीएमएक्स रिबार्स का
निर्माण किया जा रहा है। इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में स्पंज आयरन प्लांट की
क्षमता 212500 मीट्रिक टन
प्रतिवर्ष, स्टील मेल्ट
शॉप/इंडक्शन फर्नेस की क्षमता 300300 मीट्रिक टन तथा सरिया रोलिंग मिल की क्षमता 291300 मीट्रिक टन
प्रतिवर्ष है। अशोक जालान का मानना है कि योगी सरकार ने निवेशकों की सुरक्षा, प्रोत्साहन
सुविधा व सहूलियत के लिए कारगर कदम उठाए हैं। उसका परिणाम भी धरातल पर नजर आ रहा
है। एक दौर तक सिर्फ एमसीआर में निवेश होते थे, सरकार की इन्वेस्टर्स फ्रेंडली नीतियों से आज हर जिले में
निवेश हो रहा है।
गीडा में दिखेगी भारी उद्योगों की लंबी श्रृंखला
गीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन अग्रवाल कहते हैं कि
शासन की उद्योग मित्रवत नीतियों व पारदर्शी व्यवस्था से उद्यमियों को काफी
प्रोत्साहन मिला है। गीडा में गैलेंट समूह ने स्टील प्लांट के सीमेंट प्लांट भी
संचालित किया है तो अब अंकुर उद्योग समूह ने इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट का संचालन
शुरू किया है। अंकुर उद्योग समूह ने जीआईएस में 700 करोड़ रुपये से उद्योग विस्तार का भी प्रस्ताव
दिया है। जीआईएस में हैवी इंडस्ट्री के काफी प्रस्ताव मिले हैं। आने वाले समय में
गीडा में भारी उद्योगों की लंबी श्रृंखला दिखेगी।