मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं मौजूदा समय में किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं। कम उम्र के लोग, यहां तक कि स्कूली बच्चों में भी स्ट्रेस-एंग्जाइटी जैसी समस्याओं का निदान किया जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे काफी गंभीर स्थिति मानते हैं। विशेषतौर पर कोरोना महामारी के बाद से मानसिक स्वास्थ्य विकारों के मामलों में काफी तेजी से उछाल आया है। साल 2023 में भी यह बड़ी चुनौती बनी रही।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मानसिक स्वास्थ्य का सीधा संबंध आपके संपूर्ण सेहत से है। स्ट्रेस-डिप्रेशन जैसी स्थितियां कई प्रकार के गंभीर रोगों जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ाने वाली हो सकती हैं। कई अध्ययनों में पाया गया है कि मानसिक स्वास्थ्य विकार आपकी लाइफ एक्सपेक्टेंसी को भी कम कर सकते हैं। कुछ ही दिनों में हम नए साल में कदम रखने जा रहे हैं। भविष्य में बेहतर सेहत के लिए जरूरी है कि हम मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। नए साल में प्रवेश करने से पहले मेंटल हेल्थ को ठीक रखने के लिए खुद से कुछ संकल्प लें, जिससे आपका मन स्वस्थ रहे।
दिनचर्या को ठीक रखें - शारीरिक हो या मानसिक स्वास्थ्य, इसे ठीक रखने के लिए दिनचर्या में सुधार करना बहुत आवश्यक माना जाता है। स्वस्थ-पौष्टिक भोजन करने से लेकर नियमित व्यायाम-योग को दिनचर्या में शामिल करना आपके मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है। माइंडफुलनेस, आत्म-जागरूकता और ध्यान का अभ्यास हमें वर्तमान की परिस्थितियों को बेहतर ढंग से डील करने में मदद करते हैं। लाइफस्टाइल ठीक रहने से मन शांत रहता है और व्यायाम हैपी हार्मोन्स को बढ़ाने में मदद करते हैं।
स्क्रीन टाइम कम करने का लक्ष्य - दिन की शुरुआत से लेकर रात में सोने तक हम मोबाइल-कंप्यूटर और टीवी जैसे स्क्रीन वाले उपकरणों से घिरे रहते हैं। हालांकि अध्ययनों में पाया गया है कि स्क्रीन पर अधिक समय बिताना मेंटल हेल्थ के लिए कई प्रकार की समस्याओं को बढ़ाने वाला हो सकता है। भोपाल में मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं जिन लोगों के दिन का अधिकतर समय किसी प्रकार के स्क्रीन पर बीतता है उनमें स्ट्रेस-एंग्जाइटी जैसी समस्याओं के विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है। यानी कि नए साल में मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए जरूरी है कि जितना हो सके स्क्रीन से दूर रहने की कोशिश करें।
शराब-मादक पदार्थों से दूरी - शराब-धूम्रपान या किसी भी मादक पदार्थ का सेवन, शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। ये चिंता और अवसाद को भी बढ़ा सकती है। डॉ सत्यकांत कहते हैं, शराब आपके मस्तिष्क के कार्यक्षमता को प्रभावित करती है। शराब के कारण मस्तिष्क में होने वाले रासायनिक परिवर्तन क्रोध, अवसाद या चिंता जैसी अधिक नकारात्मक भावनाओं को जन्म दे सकते हैं, ये दीर्घकालिक रूप से मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
नींद को दें प्राथमिकता - भागदौड़ और तनाव से भरी इस दुनिया में ज्यादातर लोगों के लिए अपनी नींद को पूरा कर पाना कठिन हो गया है। हालांकि ये आदत संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। प्रतिदिन लगभग सात से आठ घंटे की निर्बाध नींद हमें बेहतर महसूस करने में मदद करती है। शोध में पाया गया है कि जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती है उनमें स्ट्रेस-एंग्जाइटी होने का जोखिम अधिक होता है। इतना ही नहीं एक रात भी ठीक से नींद पूरी न होने से आप अगले दिन अधिक थकान, चिंतित और कम ऊर्जा महसूस करने लगते हैं।