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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 15 Jan 2023 4:40 pm IST


श्रीनगर में अलकनंदा नदी में आस्था की डुबकी नहीं लगा पाए श्रद्धालु, जानिए कारण


श्रीनगर: मकर सक्रांति के पावन पर्व पर श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल में श्रद्धालु निराश होकर ही अपने घर लौटने पर मजबूर हैं. दरअसल, यहां अलकनंदा नदी का जलस्तर बिल्कुल सूख चुका है. अलकनंदा नदी बिल्कुल नाले में तब्दील हो चुकी है. नदी पांच किलोमीटर के दायरे में गंदगी पसरी हुई है. क्योंकि शहर के नाले नदी में ही गिर रहे हैं.गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी कहे जाने वाली अलकनंदा नदी श्रीनगर में नाले के रूप में बह रही है. यहां 3 किलोमीटर के दायरे में नदी पूरी तरह सूख चुकी है, जिसकी वजह से मकर संक्रांति के अवसर पर श्रीनगर में स्थित श्रीकोट घाट, किल्किलेश्वर घाट और शारदा घाट से श्रद्धालु बिना स्नान किए ही वापस लौट रहे हैं. तो वहीं लोगों में इस बात को लेकर रोष देखने को मिल रहा है. कमलेश्वर मंदिर के महंत आशुतोष पुरी ने कहा कि पिछले एक दशक से लोग अपने त्योहारों में स्नान और आचमन तक नहीं कर पा रहे है. अलकनंदा नदी में जहा-तहां गंदगी का अंबार लग गया है. समाजिक कार्यकर्ता भोपाल सिंह चौधरी का कहना है कि आज अलकनन्दा नदी में बने श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के कारण ये हालात बने है, सिर्फ एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अलकनंदा नदी का पानी रोक दिया गया, जिसके कारण आज लोग नदी में स्नान तक नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि परियोजना से 25 फीसदी पानी अलकनन्दा नदी में छोड़ा जाना चाहिए.दरअसल, यहां जल विद्युत परियोजना की झील में अलकनंदा का पानी रोका गया है, जो नहर के जरिए पावर हाउस तक पहुंचता है. इसलिए नगर क्षेत्र में 3 किलोमीटर के दायरे में नदी पूरी तरह सूख चुकी है, जो पानी नदी में बचा हुआ है वह भी रुका हुआ पानी है, जिसमें पूरी तरह काई जम चुकी है. मकर सक्रांति के पावन अवसर पर भी जल विद्युत परियोजना द्वारा पानी न छोड़ने पर गंगा स्नान करने पहुंचे स्थानीय लोगों में परियोजना के खिलाफ आक्रोश भी देखने को मिला है.