उत्तरकाशी-भारी बारिश के कारण रर्वाइं घाटी में लाल चावल की फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है। बारिश एक दो दिन और रही तो खेतों में कटी लाल चावल की फसल में अंकुर निकल फूट सकते हैं। कमल घाटी ग्राम स्वायत्त सहकारिता संगठन के अध्यक्ष विजेंद्र सिंह राणा का कहना है कि अकेले पुरोला क्षेत्र में प्रति वर्ष करीब 4880 टन लाल चावल का उत्पादन किया जाता है। लगातार बारिश के कारण धान खेतों में सड़ सकता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के गुंदियाट गांव, कंडियाल गांव, मोल्टाड़ी, कुमारकोट, श्रीकोट, खलाड़ी, नेत्री, स्वील, चंदेली, डैरिका, कुरड़ा, देवढुंग, कुमोला, कोटी एवं मोरी ब्लॉक की गड़ूगाड पट्टी समेत क्षेत्र के करीब 6 दर्जन गांवों में लाल चावल की खेती की जाती है।