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DevBhoomi Insider Desk
• Sat, 14 Dec 2024 11:17 am IST


केंद्र सरकार को भेजा गया ऋषिकुल काॅलेज का डीपीआर, सौ साल पुराने गुरूकुल आयुर्वेद काॅलेज को अपग्रेड करने पर जोर


देहरादून: उत्तराखंड में मौजूद सौ साल पुराने दो आयुर्वेद काॅलेजों का कायाकल्प किया जाएगा. जिसके तहत ऋषिकुल काॅलेज को अपग्रेड करने का मामला तेजी से आगे बढ़ रहा है. ऋषिकुल कॉलेज की केंद्र सरकार को भेजे जाने वाली डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को उत्तराखंड ने तैयार कर लिया है. इसी के साथ ही प्रदेश में मौजूद सौ साल पुराने गुरूकुल आयुर्वेद काॅलेज को अपग्रेड करने पर भी सरकार जोर दे रही है.

आयुर्वेद के सौ साल पुराने काॅलेज पूरे देश में दर्जन भर हैं. उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में ऋषिकुल और गुरूकुल के रूप में दो ऐसे आयुर्वेद काॅलेज हैं, जो सौ साल से अधिक पुराने हैं. इनमें भी ऋषिकुल काॅलेज सबसे ज्यादा पुराना है. जिसकी स्थापना साल 1919 में हुई थी. बहुत कम लोग जानते हैं कि मदन मोहन मालवीय ने इसकी स्थापना की थी. गुरूकुल काॅलेज की स्थापना साल 1921 में स्वामी श्रद्धानंद ने की थी.

उत्तराखंड सरकार, सौ साल पुराने आयुर्वेद काॅलेजों के उच्चीकरण को लेकर भारत सरकार से लगातार अनुरोध कर रहा है. साथ ही, ऋषिकुल काॅलेज को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था. जिसपर केंद्र सरकार ने उत्तराखंड से अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान बनाने के बजाए ऋषिकुल काॅलेज के उच्चीकरण का प्रस्ताव भेजने को कहा. जिसके बाद आयुष विभाग ने इसको लेकर जरूरी कार्यवाही पूरी कर ली है. साथ ही लोक निर्माण विभाग ने इसके उच्चीकरण से संबंधित डीपीआर भी तैयार कर दी है. जिस पर शासन स्तर पर निर्णय लिया जाना है.

उच्चीकरण के लिए जो विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है, उसमें ऋषिकुल में सात मंजिला हाॅस्पिटल का प्रस्ताव रखा गया है. उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डा एके त्रिपाठी के अनुसार, ऋषिकुल काॅलेज में मौजूद पुराने हाॅस्पिटल को तोड़कर यह हाॅस्पिटल बनाए जाने का प्रस्ताव किया गया है. ऋषिकुल काॅलेज के पास 25 एकड़ जमीन उपलब्ध है. वर्तमान में यहां पर 11 विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कराई जा रही है. केंद्र के सकारात्मक रूख को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि जल्द ही ऋषिकुल काॅलेज का उच्चीकरण हो जाएगा.

केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा उत्तराखंड के प्रस्ताव पर कार्रवाई गतिमान हैं. मंत्रालय का रूख सकारात्मक है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उत्तराखंड में आयुष से जुड़ी हर गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए सरकार कार्य कर रही है. केंद्र सरकार का भी इस दिशा में राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है. ऐसे में उम्मीद हैं कि आयुष के संबंध में उत्तराखंड के जो भी प्रस्ताव है, उन पर जल्द ही मुहर लग जाएगी.