उत्तराखंड में अब विदेश से मंगाए गए सेब के पौधे सालभर क्वारंटाइन रखे जाएंगे। इस दौरान इन पर लगातार नजर रखी जाएगी। किसी भी प्रकार के वायरस अथवा बीमारी न होने की पुष्टि के बाद ही आयातित पौधों का रोपण किया जाएगा। राज्य में अति सघन सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चल रही 'मिशन एप्पल' योजना के क्रियान्वयन के सिलसिले में जारी संशोधित शासनादेश में यह प्रविधान किया गया है। इसके अलावा सेब बागानों में सिंचाई के लिए सोलर पंप के इस्तेमाल और ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है। राज्य में इटली, हालैंड समेत अन्य देशों से सेब के पौधे आयात किए जाते जाते हैं। ऐसे पौधों के सभी तरह के रोगों से मुक्त होने की पुष्टि के बाद ही रोपण का नियम है, मगर इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। परिणामस्वरूप सेब के बागानों पर वायरस अथवा अन्य रोगों के खतरे का अंदेशा बना रहता है।