सबसे पहली बात एक भारतीय सैनिक कि तरह वे भी, अपने स्तर के कठोर प्रशिक्षण से गुजरते हैं और उनमें से केवल कुछ ही इंडियन आर्मी में बतौर आर्मी डॉग के रुप चयनित किए जाते ।
सबसे पसंदीदा आर्मी डॉग जर्मन शेफर्ड और लैब्राडोर्स हैं, क्योंकि वे प्रशिक्षित करने में आसान होते है और सेना द्वारा आवश्यक कार्यों को करने की विशेष क्षमता भी रखते हैं।
सेना के डॉग्स कोई साधारण पालतू जानवर नहीं हैं क्योंकि उनका इतिहास बहादुर कहानियों से भरा है। बता दें कि एक सेैनिक कि तरह ये भी हमेशा चौकन्ने रहते है ।
आप शायद यह नहीं जानते होंगे की भारतीय सेना के पास लगभग 1,000 प्रशिक्षित डॉग्स हैं।
सेना के डॉग्स खोज और बचाव कार्यों के अभिन्न अंग हैं बता दें कि सेना के डॉग्स विस्फोटक बरामद करने के लिए जाने जाते है। वहीं खोजमीन करनें में इनका किसी भी अन्य जानवर से मेल हो ही नहीं सकता ।
सेना के डॉग्स को सैन्य-विशिष्ट हाथ के इशारों और यहां तक कि अपने संचालकों द्वारा मुख्य आदेशों का जवाब देना भी सिखाया जाता है।
गौर करने वाली बात यह है कि सेना के एक डॉग स्क्वाड ने साल 2016 में 26 साल बाद गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लिया था।