दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में कोरोनाकाल के दौरान रखे गए करीब 300 कर्मियों की सेवा 15 मार्च को समाप्त हो रही है. स्टेट फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स यूनियन से जुड़े कर्मचारियों ने राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल से 15 मार्च से हटाए जाने के विरोध में काली पट्टी बांधकर कार्य किया. कर्मचारियों ने वर्तमान स्थिति और कर्मचारियों के भविष्य को देखते हुए रिक्त पदों पर समायोजित करने की भी मांग उठाई है.गौर हो कि कोरोनाकाल में रखे कर्मचारियों ने जान की परवाह किए बगैर घरों से निकलकर मरीजों की सेवा की. लेकिन देश में कोरोना के मामले कम होने के बाद और कर्मियों का अनुबंध का समय समाप्त हो रहा है, जिससे वो अपने भविष्य को लेकर काफी परेशान हैं. यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह कोरंगा कहना है कि उनकी नौकरी बहाल नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा. संजय सिंह कोरंगा ने कहा कि अस्पताल में वैसे भी कर्मचारियों की कमी बनी हुई है. ऐसे में उन्हें यदि निकाला जाता है तो मरीजों को दिक्कत होगी.