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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 28 Dec 2022 8:00 am IST


इस बार खास संयोग में 15 जनवरी को मनेगी मकर संक्रांति, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और योग


हिंदू धर्म में संक्रांति का बहुत ही महत्व है। हर वर्ष 12 संक्रांतियां होती हैं और प्रत्येक संक्रांति का अपना महत्व होता है। किसी एक राशि से सूर्य के दूसरी राशि में गोचर करने को ही संक्रांति कहते हैं। यह हर साल 14 जनवरी को होता है। संक्रांति के दिन भगवान सूर्य का पूजन किया जाता है। इस शुभ दिन पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। यह माघ मास की प्रथम तिथि है। मकर संक्रांति पर सूर्य अपनी उत्तरायण यात्रा शुरू करता है। नतीजतन, उत्तरायण इस त्योहार का दूसरा नाम है। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्नान, दान पुण्य का बड़ा महत्व होता है और इस दिन सूर्यदेव की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। आईए जानते हैं संक्रांति का शुभ मुहूर्त, महत्व और क्या है खास।  
वैसे तो हर वर्ष 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है। लेकिन ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार सूर्यदेव शाम के समय मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस बार सूर्य 14 जनवरी की रात 08:21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा।  

शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति का पुण्य काल आरंभ : प्रातः 07:15 मिनट से।  
मकर संक्रांति का पुण्य काल समाप्त: सायं 07:46 मिनट तक।   

संक्रांति पर बन रहा खास संयोग
इस वर्ष मकर संक्रांति पर एक खास संयोग भी बन रहा है। जहां 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे वहीं दूसरी ओर मकर राशि में पहले से ही बुध व शनि ग्रह विराजमान रहेंगे। यह संयोग काफी अरसे बाद बन रहा है।   

मकर संक्रांति का महत्व 
मकर संक्रांति देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। 14 जनवरी को मनाया जाने वाला दिन, शुभ उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है। मकर संक्रांति अनेकता में एकता का आदर्श उदाहरण है। भारत में प्रत्येक राज्य में मकर संक्रांति मनाने के अलग-अलग तरीके हैं, इस दिन, सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। प्रार्थना और आभार व्यक्त किया जाता है। श्रद्धालु मकर संक्रांति के अवसर पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं।