संयुक्त राष्ट्र की डिप्टी सेक्रेटरी जनरल अमीना मोहम्मद ने बीते हफ्ते अफगानिस्तान का दौरा किया। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के कुछ अधिकारियों ने तालिबान के झंडे के साथ तस्वीरें लीं और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र की आलोचना होने लगी और लोगों ने संयुक्त राष्ट्र की निष्पक्षता और अखंडता पर सवाल उठा दिए। बता दें कि तालिबान के झंडे को अभी तक वैश्विक स्तर पर मान्यता नहीं मिली है।
नेशनल रेजिस्टेंट फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान के विदेश मामलों के प्रमुख अली मैजम नाजरी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि, यूएन के लोग काबुल में एक आतंकी संगठन के झंडे के साथ तस्वीर लेकर संयुक्त राष्ट्र की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं।