पारा चढ़ने के साथ ही पहाड़ में पेयजल संकट गहराने लगा है। नगर क्षेत्र कर्णप्रयाग एवं पिडरघाटी के नगरीय व कस्बाई क्षेत्रों में जहां उपभोक्ता परेशान हैं, वहीं तंत्र की चिता पानी के बिलों की धनराशि बढ़ाने में है।नगरपालिका कर्णप्रयाग में यूं तो 9.5 लाख रुपये की लागत से दो साल पूर्व कालेश्वर में लिफ्ट पेयजल योजना तैयार कर दावा किया गया कि इससे दस हजार की आबादी के हलक तर होंगे। लेकिन, योजना एक बडे़ हिस्से में पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रही है। वहीं, विभागीय अधिकारियों का दावा है कि सभी उपभोक्ताओं को पानी पहुंचाया जा रहा है। उपभोक्ता गिरीश चंद्र, सब्बल सिंह, उमेश कहते हैं अब जबकि होटल-लाज का रंगरोगन कर चारधाम यात्रा की तैयारियां की जा रही है, वहीं, सबसे अधिक चिता पेयजल की बनी है। विभाग सुबह और शाम एक घंटा भी पानी नहीं दे पा रहा है। ऐसे में जब बड़ी संख्या में यात्री पहुंचेंगे तो उनके हलक कैसे तर होंगे, इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है। नगर के अपर बाजार, अस्पताल परिसर, मुख्य बाजार और तहसील कालोनी के उपभोक्ताओं ने कहा इस बाबत कई बार विभाग को अवगत कराया गया है, लेकिन नगर के लिए छह दशक पुरानी घटगाड व तीन दशक पुरानी चट्टवापीपल योजना में आए दिन पानी का स्तर कम होने का बहाना बनाकर अधिकारी इतिश्री कर लेते हैं, जबकि हर साल पानी के बिलों में बढ़ोतरी की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र कपीरी, चांदपुर पट्टी के खत्याडी, धनसारी, किमोली, नौसारी, कुनेथ, कनखुल व बगोली, आमपुर, कोल्सों में भी हर घर जल, हर घर नल योजना तैयार तो की गई, लेकिन स्रोत पर टैंक व पाइप लाइन की मरम्मत नहीं हो सकी है, जिससे पानी संकट गहराता जा रहा है।