बीमारी के चलते दोनों पैर गंवाने पड़े, जमा पूूंजी उपचार में खर्च हो गई। पैर और जमा पूंजी गवाने के बाद अब जीने की इच्छा नहीं रही। दिव्यांगता के चलते असहजता और हताशा ने ऐसा घेरा कि 65 वर्षीय बुजुर्ग को इच्छा मृत्यु मांगनी पड़ी। इच्छा मृत्यु के लिए दिव्यांग बुजुर्ग ने प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को पत्र भेजा है।
पिथौरागढ़ निवासी 65 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी कर्मी सोबन लाल वर्मा डायबिटीज से ग्रसित हो गए, जो नियंत्रित नहीं हाे रहा था। इससे उनका शुगर लेवल इतना अधिक हो गया कि दोनों पैरों में संक्रमण फैलने लगा। इससे उन्हें दोनों पांव कटवाने पड़े। सेवानिवृत्त्ति के दौरान मिली धनराशि इस उपचार में ही खत्म हो गई और जीवन भर की बचाई गई जमा पूंजी भी बीमारी की भेंट चढ़ गई। इससे जीवन के 65वें वर्ष में सोबन लाल वर्मा की जिंदगी जीने की लालसा ही मृत हो गई।