बाजार से प्रतिदिन 15 करोड़ रुपये की बिजली खरीदते खरीदते ऊर्जा निगम का खजाना लगभग खाली हो गया है। ऐसे में यदि सरकार से जल्द मदद नहीं मिली तो राज्य में बिजली संकट गहरा सकता है। निगम के पास 10 से 15 दिन की बिजली खरीदने के पैसे बचे हैं। वो भी बैंकों से ओवरड्रा करने की स्थिति में।यूपीसीएल के पास बाजार से बिजली खरीदने के लिए बिलकुल भी पैसे नहीं हैं। अभी तक बैंकों से एफडी के विरुद्ध 90 करोड़ रुपये का ओवरड्रा किया जा चुका है। ओवरड्रा की भी लिमिट सिर्फ 250 करोड़ रुपये है। वहीं यूपीसीएल मैनेजमेंट ने इस स्थिति को भांपते हुए राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है।यूपीसीएल ने सरकार से सब्सिडी के रूप में 350 करोड़ की मदद मांगी है। यूपीसीएल का कहना है कि पिछले करीब दो महीने से जनता को बिजली संकट से राहत देने के लिए बाजार से महंगी दर पर बिजली खरीदी जा रही है। पहले 20 रुपये और बाद में 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदकर दो से चार रुपये प्रति यूनिट में उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसे में दूसरे राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी सरकार यूपीसीएल को सब्सिडी उपलब्ध कराए ताकि जनता को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराई जा सके।