यमुना के मायके खरसाली गांव स्थित शनिदेव का पौराणिक मंदिर खतरे की जद में है। मंदिर के पिछले हिस्से की बुनियादी दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। मंदिर करीब 200 साल पुराना है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन मरम्मत करने के बजाय ध्वस्त होने का इंतजार कर रहा है। जल्द इसका संरक्षण किया जाना चाहिए।
यमुना घाटी के खरसाली गांव में समेश्वर (शनिदेव) का मंदिर है। इसी गांव में यमुुना शीतकालीन प्रवास करती हैं। समेश्वर को यमुना का भाई माना गया है। 12 सितंबर की रात को मंदिर के पिछले हिस्से की बुनियादी दीवार ढह गई थी। इससे मंदिर के ढहने की आशंका बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन इसके संरक्षण व सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। ब्लॉक प्रमुख सरोज पंवार, यमुनोत्री मंदिर समिति पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल, मंदिर समिति के सचिव सूरज तोमर, पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, संदीप राणा ने पौराणिक धरोहर के संरक्षण के जल्द उपाय करने की मांग की है।