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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 20 Jul 2023 3:38 pm IST


बुग्यालों में खिलने वाले रंग-बिरंगी फूलों से महक रही गंगा घाटी


उत्तरकाशीः गंगा घाटी में इन दिनों फुल्यारी मेलों की धूम है. मेले में ग्रामीण बुग्यालों से अपने आराध्य देवता के लिए फूल चुनकर लाते हैं. इन फूलों से देवता की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इसके बाद मेले में देव डोलियों के नृत्य के साथ देवता पश्वा पर अवतरित होकर डांगरियों पर नंगे पांव चलकर ग्रामीणों को आशीर्वाद देते हैं.उत्तरौं गांव में पहाड़ की संस्कृति का अनूठा संगम दिखाई दिया. गांव का पंचायत चौक बुग्यालों में खिलने वाले रंग-बिरंगी फूलों से महक रहा था तो वहीं ग्रामीण ढोल दमाऊ की थाप पर आराध्य देवी देवताओं की डोली के साथ रासो नृत्य में लीन दिखे. मेले में पहली बार उत्तरौं गांव में नौगांव और सेकू की देव डोलियों का मिलन हुआ. जिसका नजारा देखते ही बन रहा था.थौलू के तीन दिन पहले गांव के इष्ट देवता ने फुल्यारों (ग्रामीण) का चयन कर उन्हें बुग्यालों की ओर भेजा. इसके बाद ग्रामीण रंग बिरंगे फूल लेकर गांव पहुंचे. यहां ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. इसके बाद पंचायत चौक पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद आराध्य नाग देवता, समेश्वर देवता के साथ ही सेकू और नौगांव के विराज नाग देवता को फूल चढ़ाए गए.पूजा अर्चना के बाद पंचायत चौक पर गांव की महिलाओं ने देव डोली के साथ रासो नृत्य किया. इस बीच बाजगियों ने समेश्वर देवता को प्रसन्न करने के लिए देव मंत्र कफुआ लगाया. जिस पर देवता पश्वा पर अवरित हुआ और पश्वा सौ मीटर दूर से तेज धार वाले डांगरी (छोटी कुल्हाड़ी) पर चलकर ग्रामीणों सुफल यानी आशीर्वाद दिया.