तहसील के सुमगढ़ गांव के बणतोक निवासी प्रताप सिंह अब अपने पोते को लेकर अपने गांव में बने पुराने में आकर रहने लगे हैं। जिस घर में उनका फलता-फूलता परिवार रह रहा था वह मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है। बेटा, बहू और एक पोते को खोने के बाद गुलशन ही उनका एकमात्र सहारा है। इस दुख की खड़ी में उनके भाई के बच्चे ही उनका सहारा बने हैं। बहू और बेटा का क्रियाक्रम वही कर रहे हैं। उनकी चारों बेटियां भी सुमगढ़ पहुंच गई हैं। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।