उत्तराखंड सरकार इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (आईपीएचएस) मानकों में बदलाव करने जा रही है। आईपीएचएस मानकों की वजह से अस्पतालों में खड़ी हो रही दिक्कतों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार ने 2019 में आईपीएचएस मानक लागू किए हैं। इसके तहत डॉक्टर, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और टैक्नीशियन का नया ढांचा तैयार किया गया है।
जबकि प्रति बेड और ओपीडी के आधार पर स्टाफ की तैनाती का फार्मूला बनाया गया है। यही नहीं आईपीएचएस के तहत अस्पतालों के लिए आबादी से लेकर भवन आदि के मानक भी नए सिरे से बनाए गए हैं। केंद्रीय बजट बढ़ाने के लिए लागू किए गए यह मानक कागज पर तो बहुत अच्छे नजर आ रहे हैं।
लेकिन पहाड़ की भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से धरातल पर दिक्कतें आ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार यह मानक लागू होने के बाद अस्पतालों में कई तकनीकी परेशानियां खड़ी हो रही है। इसके बाद अब इन मानकों में बदलाव का निर्णय लिया गया है।
फार्मासिस्टों के लिए कमेटी : आईपीएचएस मानकों में फार्मासिस्टों के पद खत्म होने की समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने एक दिन पहले ही स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया है। यह कमेटी केवल फार्मासिस्ट संवर्ग के लिए ही गठित की गई है। लेकिन अब आईपीएचएस के सभी मानकों की नए सिरे से समीक्षा की जा रही है। उसके बाद इन मानकों में बदलाव किया जाएगा।