हिमालयी राज्यों में सेब की कई प्रजातियों का अस्तित्व संकट में है। इसमें कई प्रजातियां सौ साल पुरानी हैं। आने वाले समय में इसमें कुछ प्रजातियां पूरी तरह खत्म भी हो सकती हैं। अल्मोड़ा के जीबी पंत हिमालयी राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान के अधीन राष्ट्रीय हिमालयी मिशन के तहत चल रहे शोध में ये बात सामने आई है। पहले चरण में जम्मू कश्मीर में अध्ययन किया जा रहा है।इसकी जिम्मेदारी शेर-ए-कश्मीर विश्वविद्यालय को दी गई है। शोध दल का नेतृत्व कर रहे डॉ.फारुख अहमद लोन के अनुसार, तीन दशक पहले इस संकट की शुरुआत हुई। कश्मीर घाटी में ही 100 से अधिक सेब प्रजातियां पाई जाती हैं। अन्य राज्यों में हालात और बदतर हैं। डॉ.लोन के मुताबिक, सेब पर आए संकट की प्रमुख वजह जलवायु परिवर्तन, बारिश-बर्फबारी में हो रहे बदलाव के अलावा ग्रीन हाउस गैसें भी हैं।