भारत से करीब 8 हजार करोड़पति इस साल दूसरे देशों में शिफ्ट हो सकते हैं। हाल में आई हेनली ग्लोबल सिटिजंस रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसमें बताया गया है कि बेहतर लिविंग स्टैंडर्ड, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की खातिर ये लोग दूसरे देशों में बसना चाहते हैं। देश में ऊंची टैक्स दरें भी इसकी एक वजह हैं। जो भारतीय देश छोड़कर जाने वाले हैं, उनके लिए बेहतर ठिकाना क्या हो सकता है? इसका जवाब एक अन्य सर्वे से मिलता है, जिसे इकॉनमिस्ट पत्रिका की इकाई eiu ने किया है। इसमें बताया गया है कि दुनिया में रहने के लिए कौन से शहर अच्छे और कौन से बुरे हैं।
सर्वे रिपोर्ट बताती है कि 2022 में रहने के लिए सबसे अच्छा शहर ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना है। पिछले साल इस लिस्ट में न्यूजीलैंड का ऑकलैंड पहले नंबर पर था। कल्चर, एंटरटेनमेंट, शानदार इन्फ्रास्ट्रक्चर और कम अपराध। इन मानकों पर यह शहर दुनिया के दूसरे शहरों से आगे है। इस सर्वे में 172 शहरों को शामिल किया गया और उन्हें 30 से अधिक मानकों पर परखा गया। दिलचस्प बात यह है कि विएना ने पिछले पांच वर्षों में तीसरी बार यह खिताब हासिल किया है। बेहतर लिविंग स्टैंडर्ड के लिए जिन 10 शहरों को सबसे अधिक नंबर इस रैंकिंग में मिले हैं, उनमें से पांच दूसरे छोटे यूरोपीय देशों से हैं। इनमें दूसरे नंबर पर कोपेनहेगन, तीसरे पर ज्यूरिख, चौथे और पांचवें नंबर पर कनाडा के क्रमशः कैलगरी और वैंकूवर हैं। टॉप 10 शहरों में एशिया से सिर्फ जापान का ओसाका जगह बना पाया है।
इस रैंकिंग पर कोविड महामारी की छाप भी दिखी है। ऐसी पिछली रैंकिंग में पैरिस और लंदन जैसे शहरों का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा, लेकिन इस बार दोनों ही शहरों की रैंकिंग सुधरी है। इस साल पैरिस 23 पायदान ऊपर चढ़कर 19वें और लंदन 27 पायदान उछलकर 33वें नंबर पर जा पहुंचा। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि इन शहरों में महामारी की वजह से पहले जैसी सख्तियां नहीं हैं। इसी तरह से अमेरिका के न्यूयॉर्क, लॉस एंजिलिस और वॉशिंग्टन डीसी जैसे शहरों की रैंकिंग भी पिछले साल की तुलना में बेहतर हुई है। दूसरी ओर, दुनिया की महाशक्ति बनने को बेताब चीन के सभी शहरों की रैंकिंग घटी है।
जिन शहरों को इस सर्वे में सबसे कम नंबर मिले हैं, उनमें दमस्कस सबसे नीचे यानी 172वें नंबर पर है। इससे ऊपर लागोस, त्रिपोली और अल्जीयर्स हैं। रहने के लिए सर्वाधिक खराब शहरों में पाकिस्तान का कराची शहर भी शामिल है, जिसे 172 देशों में 168वें नंबर पर रखा गया है। बांग्लादेश ने हाल के वर्षों में जबरदस्त आर्थिक तरक्की हासिल की है, लेकिन रहने के लिहाज से उसकी राजधानी ढाका को भी बहुत खराब रैंकिंग मिली है। वह कराची से दो पायदान ऊपर 166वें नंबर पर है। भारत के शहर ना तो बहुत अच्छे और ना ही बहुत खराब माने गए हैं।
सौजन्य से : नवभारत टाइम्स