पिछली 8 तारीख को चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी पूरी तरह से खत्म कर दी। उसने दुनिया के लिए अपनी सीमाएं पूरी तरह से खोल दीं, जो कोरोना महामारी के बाद से बंद थीं। इसे ‘चाइना ओपनिंग’ कहा जा रहा है, जिसका दुनिया सहित भारत पर असर पड़ना तय है। इससे पहले जीरो कोविड पॉलिसी यानी बेहद सख्त लॉकडाउन की वजह से चीन में महामारी से 5,000 लोगों से भी कम की मौत हुई थी, जबकि अमेरिका में इससे लाखों की संख्या में जानें गईं। इसी का हवाला देकर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इसे अपनी सरकार का बड़ा हासिल मानते और बताते आए थे, लेकिन कुछ अरसा पहले लोगों के इस पॉलिसी के विरोध में सड़कों पर उतरने के बाद वहां इसमें ढील देने की शुरुआत हुई और 8 जनवरी को इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया गया। ब्रिटिश पत्रिका द इकॉनमिस्ट का अनुमान है कि इस पॉलिसी को खत्म करने की वजह से चीन में महामारी से 15 लाख मौतें हो सकती हैं। बगैर मुकम्मल तैयारी के जीरो कोविड पॉलिसी खत्म करना इसकी वजह है। लेकिन अभी वहां जितनी मौतें हो रही हैं, सरकार के आधिकारिक आंकड़ों में उससे बहुत कम दर्ज की जा रही हैं।
बहरहाल, ‘चाइना ओपनिंग’ का चीन और दुनिया की इकॉनमी पर बड़ा असर होगा। वर्ल्ड बैंक ने अनुमान लगाया है कि 2023 में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की ग्रोथ 4.3 फीसदी रह सकती है, जिसके पिछले साल 3 फीसदी से भी कम रहने का अंदाजा है। अमेरिका के लिए इसके आधा फीसदी रहने का दावा किया गया है, जो विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। यानी 2023 में ग्लोबल इकॉनमी को मंदी में जाने से बचाने में चीन का बड़ा रोल रहने वाला है। इसमें दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनमी भारत भी 6.9 फीसदी के साथ बड़ी भूमिका निभाएगी। लेकिन इससे महंगाई से निपटना मुश्किल हो सकता है क्योंकि कमोडिटीज के दाम बढ़ेंगे।
चीन दुनिया का 20 फीसदी कच्चा तेल, 50 फीसदी से अधिक रिफाइंड कॉपर, निकल, जिंक और 60 फीसदी से अधिक आयरन ओर खरीदता है। ‘चाइना ओपनिंग’ से इनकी मांग बढ़ेगी, लिहाज दाम भी बढ़ेंगे। इससे खासतौर पर अमेरिका और यूरोप में महंगाई को काबू में करने की चुनौती बढ़ेगी, जो कुछ दशकों के शिखर पर है। गोल्डमैन सैक्स का दावा है कि चीन में कोविड संबंधी पाबंदियां खत्म होने से ब्रेंट क्रूड की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है, जो अभी 83 डॉलर के करीब चल रही है। चीन के खुलने से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से और पैसा निकालकर वहां लगा सकते हैं, जो यहां के मुकाबले सस्ता है। यानी 2023 की सबसे बड़ी आर्थिक घटना ‘चाइना ओपनिंग’ हम सबकी जिंदगी पर असर डालने जा रही है।
सौजन्य से : नवभारत टाइम्स