क्रिकेट सर्किल में इन दिनों ‘बाजबॉल’ सुर्खियों में है। इसे लेकर इंग्लिश क्रिकेट दो धड़ों में बंटा हुआ है। यॉर्कशर परंपरा वाले ठेठ इंग्लिश क्रिकेटर ज्यॉफ्री बॉयकॉट नाम को सुनकर उबल रहे हैं, जबकि उनकी अपनी काउंटी के मॉडर्न ग्रेट जो रूट इस नई शैली को आत्मसात कर चुके हैं। कुछ दशक पहले तक पांच दिनी फॉर्मेट में किसी स्पेशलिस्ट बैटर के हवा में शॉट खेलने को कम से कम इंग्लिश क्रिकेट में ‘अपराध’ माना जाता था। आप अग्रेसिव हो सकते थे, मगर क्रिकेट के ‘ग्रामर’ के साथ छेड़छाड़ की हिम्मत नहीं जुटा सकते थे। अब वर्जनाएं तोड़ी जा रही हैं। इंग्लैंड के ही पूर्व कप्तान रूट टेस्ट मैच के सुबह के सेशन के दूसरे ही ओवर में रिवर्स स्कूप से सिक्स उड़ा रहे हैं। इंग्लैंड की टीम टेस्ट खेलने की अपनी नई थिअरी से प्रति ओवर चार से पांच रन बटोर रही है।
बात सिर्फ बैटिंग तक सीमित नहीं है। फैसले लेने और फील्डिंग सजाने की पारंपरिक सोच में भी बदलाव आया है। हालिया खत्म हुए एजबेस्टन टेस्ट मैच की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के ओपनर उस्मान ख्वाजा इंग्लैंड के किसी भी बोलर के झांसे में नहीं आ रहे थे। सेंचुरी बनाने के बाद वह क्रीज पर इतने आश्वस्त थे, जैसे आज दुनिया का कोई भी बोलर आ जाए उनके डिफेंस को भेद नहीं सकता। ऑफ स्टंप के बाहर ख्वाजा को फंसाने में नाकाम रही इंग्लिश टीम ने फिर एक नई स्ट्रैटिजी बनाई। उनके कप्तान बेन स्टोक्स ने ओली रॉबिन्सन को बॉल थमाई और एक ऐसी फील्ड सजा दी, जो सबके लिए कौतूहल का विषय बन गई। अम्ब्रेला-स्लिप फील्डिंग तो क्रिकेट के इतिहास में देखी गई थी लेकिन, स्टोक्स ने इस बार ‘फ्रंट-ऑफ-द-विकेट अम्ब्रेला’ फील्ड सजा दी। ख्वाजा अगली ही गेंद पर आउट हो गए।
.टेस्ट क्रिकेट के साथ बिल्कुल नए आयाम जोड़ने वाले बाजबॉल को भी कुछ इंग्लिश फैंस ‘विलेन’ मान रहे हैं। उसकी बड़ी वजह है इंग्लैंड टीम का वह फैसला जो उसने एजबेस्टन टेस्ट मैच के पहले दिन लिया था। टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए इंग्लैंड ने पांच रन प्रति ओवर से अधिक जोड़ते हुए 78 ओवर्स में आठ विकेट पर 393 रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी। पहली पारी की बढ़त की लड़ाई भी मामूली अंतर से इंग्लैंड के पक्ष में गई। मगर आखिर में परिणाम उसके हक में नहीं आया।
एशेज सीरीज की पहली बाजी गंवाने के बावजूद इंग्लिश टीम ने दोहराया है कि वह खेलने का अपना तरीका नहीं बदलेगी। कोच ब्रेंडन मैकुलम (इनके निकनेम बाज से ही बना है बाजबॉल) की देखरेख में और बेन स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लिश टेस्ट टीम को बाजबॉल में उम्मीद ही उम्मीद दिख रही है। अपने समय में टेस्ट क्रिकेट को भी टी-20 के अंदाज में खेलने वाले ‘बाज’ मैकुलम को अपने नए फॉर्म्युले में ही पांच दिनी फॉर्मेट का भविष्य दिखाई देता है। इस एक हार से उनका अपने उस फॉर्म्युले से डिगना बनता भी नहीं जिसने उन्हें 14 में से 11 मैच जिताए हैं। हो सकता है, कल को हर देश टेस्ट क्रिकेट में बाजबॉल का दोनों हाथों से स्वागत करें।
सौजन्य से : नवभारत टाइम्स