सरकार से हरिद्वार कुंभ में लड़ी थी सीधी लड़ाई
संतों पर यौन उत्पीड़न के आरोपों पर हुए थे मुखर
कई बार दिखाया था सरकार को आईना हरिद्वार। गजब नेतृत्व क्षमता वाले संत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज संतो के वास्तविक नेता थे जब कभी भी संत समाज के हितों पर चोट होता देखते थे तो वह सारी लड़ाई अपने कंधों पर ले लेते थे कोरोना में संपन्न हुए हरिद्वार के कुंभ के दौरान उन्होंने कहीं बाहर उत्तराखंड सरकार से सीधा मोर्चा लिया। कुंभ के लिए अखाड़ों में कोई व्यवस्था नहीं किए जाने पर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव ओमप्रकाश पर उन्होंने हर की पौड़ी पर आयोजित कुंभ के विशेष पूजन के दौरान सीधा हमला बोला था । तत्कालीन मुख्यमंत्री से भी टकरा गए थे और कुंभ के बहिष्कार की चेतावनी दी थी । नरेंद्र गिरी का यह नेतृत्व हरिद्वार के संतों ने कई बार देखा 2017 में जब बड़ा अखाड़ा के महंत मोहनदास गायब हुए थे तब उनकी बरामदगी की मांग को लेकर भी उन्होंने प्रदेश सरकार से सीधा मोर्चा लिया था। नरेंद्र गिरी देश के ऐसे प्रमुख संतों में शुमार रहे जिन्होंने अखाड़ों आश्रमों संतो के संरक्षण के लिए प्रमुखता से आवाज उठाई। अपनी नेतृत्व क्षमता के कारण ही वह संत समाज में बहुत लोकप्रिय थे और दोबारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष हरिद्वार में ही उन्हें चुना गया था। उन्होंने यह भी आवाज उठाई थी कि संतो को यौन शोषण के मामलों में झूठा फंसाया जा रहा है ऐसे में उन्होंने संतो को सलाह दी थी कि महिलाओं से एकांत कमरों में नए मिला जाए। उनके परिजनों की मौजूदगी में मुलाकात की जाए । श्री महंत नरेंद्र गिरि से नजदीकी संबंध रखने वाले हर संत का ऐसा मानना है कि उनकी मौत के पीछे गहरा षड्यंत्र है इसकी जांच की जानी चाहिए।