पुणे में आज भारत-अफ्रीका सेना प्रमुखों का सम्मेलन हो रहा है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के पारस्परिक संबंधों के बारे में जानकारी दी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि, संपूर्ण मानवता के दृष्टिकोण से भी अफ्रीका मानता है कि महाद्वीप, नस्ल या जाति की अपेक्षा के बिना अफ्रीका सभी मानवता का उद्गम स्थल है। भारत एक युवा आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। हमारे लोगों के लिए समृद्धि और गरिमापूर्ण जीवन हासिल करने की हमारी साझी खोज में भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी की स्वाभाविक भावना है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि, भारत अफ्रीका के विऔपनिवेशीकरण के सबसे मजबूत समर्थकों में से एक रहा है, और उसने अफ्रीका में साम्राज्यवादी, नस्लवादी और रंगभेद शासन के अंत के लिए काम किया है। एक राष्ट्र के रूप में, हमारे मन में अपने अफ्रीकी भाइयों और बहनों के लिए बहुत सम्मान और स्नेह है। यह एक स्वभाविक साझेदारी है।
रक्षामंत्री ने आगे कहा कि, अफ्रीका आज एक अरब से ज्यादा लोगों का घर है, जिनमें से दो तिहाई से ज्यादा 35 साल से कम उम्र के हैं। अगर इस मानव पूंजी को सही अवसरों के साथ समर्थन दिया जाता है, तो यह न केवल अफ्रीका के लिए विकास का इंजन बन जाएगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी।