देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को मायानगरी भी कहा जाता है। यहां कब कौन फर्श से अर्श पर पहुंच जायेगा, कोई नहीं जानता है। बस खुद की मेहनत और लग्न पर भरोसा होना चाहिए। जैसे फिल्म त्रिशूल में अमिताभ बच्चन, सहनी सेठ के साथ डील करते हुए कहते हैं मैं पांच लाख का सौदा करने आया हूं जबकि उस वक्त उनकी जेब में पांच फूटी कौड़ी भी नहीं होती है। ठीक ऐसा ही कुछ पटना के प्रेम कुमार के साथ भी हुआ। प्रेम की पॉकेट में एक फूटी कौड़ी भी नहीं थी, लेकिन वे अपना खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते थे अपना स्टार्टअप। प्रेम को खुद पर भरोसा तो था लेकिन जेब एकदम से खाली थी।
हालांकि इसी भरोसे की बदौलत वे आज लाखों का कारोबार खड़ा कर चुके हैं और दूसरों को भी रोजगार दिया है। पटना के प्रेम कुमार कहते हैं कि जब वे मुंबई आये थे तब उन्होंने सोचा भी नहीं था कि यहां उनका भी अपना कोई अस्तित्व होगा। ये बात साल 2018 की है। ये वह वक्त था जब उनकी जेब में एक भी रुपया नहीं था और वे अपने खर्चे को पूरा करने के लिए नौकरी ढूढ़ रहे थे लेकिन काफी ठोकर खाने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली। कुछ जगहों पर तो नौकरी देने के बदले रुपये भी मांगे गए। मुंबई में रहने के दौरान ही उन्हें लगा कि उन्हें खुद का कोई स्टार्टअप शुरू करना चाहिए, लेकिन इसके लिए पैसों की जरूरत होती है जो उनके पास बिल्कुल भी नहीं थे।
प्रेम बताते हैं कि पटना से वे महज एक लैपटॉप लेकर आए थे, वह भी उधार का था। एक दिन उन्होंने उसी लैपटॉप को ओएलएक्स और फेसबुक पर सेल के लिए डाल दिया। थोड़े दिनों में ही उनकी मेहनत रंग लाने लगी। उन्होंने नोटिस किया के उनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लैपटॉप के लिए बहुत ज्यादा इंक्वायरी आ रही है। बस यहीं से शुरू हुआ प्रेम के स्टार्टअप का किस्सा। लैपटॉप बेचने से मिले रुपये से वे लैपटॉप लाकर ऑनलाइन बेचने लगे। धीरे-धीरे प्रेम का कारोबार चल निकला और उन्होंने अच्छा खासा कारोबार खड़ा कर दिया। आज मुंबई में उनका अपना घर भी है। प्रेम के मुताबिक वे सब खर्चे काटकर सालाना 10 लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं।