नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन के आखिरी दिन शुक्रवार को गांधी फैमिली के भरोसेमंद मल्लिकार्जुन खड़गे ने वाइल्ड कार्ड एंट्री मारी। गुरुवार देर रात तक सोनिया और प्रियंका गांधी के बीच नए अध्यक्ष को लेकर बैठक हुई, जिसके बाद शुक्रवार को खड़गे ने उम्मीदवार के रूप में नॉमिनेशन फाइल किया।
गांधी फैमिली के बैकडोर सपोर्ट के कारण खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष
बनना तय माना जा रहा है। अगर सब कुछ सही रहा तो मजदूर आंदोलन से करियर की शुरुआत
करने वाले खड़गे देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की कमान संभाल सकते हैं। अगर
ऐसा होता है तो मल्लिकार्जुन खड़गे बाबू जगजीवन राम के बाद दूसरे दलित अध्यक्ष
बनेंगे। जगजीवन राम सन् 1970-71 में कांग्रेस के
अध्यक्ष थे।
नौ बार विधायक और दो बार रहे सांसद
पार्टी प्रचारक के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले
खड़गे को सन् 1969 में गुलबर्गा शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी। फिर सन् 1972 में पहली बार
विधायक चुने गए। इसके बाद वे वर्ष 2008 तक लगातार विधायक चुने जाते रहे। वर्ष 2009 में पार्टी ने
उन्हें गुलबर्गा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया और जीतकर वह लोकसभा पहुंचे। खड़गे
लगातार दो बार वर्ष 2009 और 2014 में सांसद बने। अपने
सियासी करियर में खड़गे नौ बार विधायक रह चुके हैं।
परिवार की बात करें तो मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार में
पत्नी राधाबाई के अलावा तीन बेटियां और दो बेटे हैं। उनका एक बेटा कर्नाटक के
बेंगलुरु में स्पर्श अस्पताल का मालिक है, जबकि दूसरा बेटा प्रियांक विधायक है। वर्ष 2019 चुनाव के दौरान खड़गे ने अपनी संपत्ति लगभग 10 करोड़ रुपये बताई
थी।