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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 30 Apr 2023 2:00 pm IST

नेशनल

मन की बात का 100वां एपिसोड, प्रधानमंत्री ने हर क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वालों को किया याद


नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपिसोड पूरा कर लिया। आज का एपिसोड टीवी चैनल्‍स, प्राइवेट रेडियो स्टेशंस और सामुदायिक रेडियो सहित 1000 से अधिक प्लेटफॉर्म पर ब्रॉडकास्ट किया गया। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क स्थित हेडक्वार्टर पर भी इसे प्रसारित किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 3 अक्टूबर, 2014 को विजयादशमी से शुरू हुआ यह त्योहार हम हर महीने मनाते हैं। मन की बात कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह मेरे लिए आस्था, पूजा और व्रत है। जैसे लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं तो प्रसाद की थाल लाते हैं। मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल जैसे है। उन्‍होंने कहा कि कल्पना करिए कि कोई देशवासी 40-40 साल से निर्जन जमीन पर पेड़ लगा रहा है। कोई 30 साल से जल संरक्षण के लिए बावड़ी बना रहा है। कोई निर्धन बच्चों को पढ़ा रहा है। कोई गरीबों की इलाज में मदद कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि कितनी ही बार मन की बात में इनका जिक्र करते वक्त मैं भावुक हुआ। आकाशवाणी के साथियों को इसे दोबारा रिकॉर्ड करना पड़ा। उन्‍होंने कहा कि मन की बात में जिन लोगों का हम जिक्र करते हैं, वे सब हमारे हीरोज हैं, जिन्होंने इस कार्यक्रम को जीवंत बनाया है। आज जब हम 100वें एपिसोड के पड़ाव पर पहुंचे हैं तो मेरी इच्छा है कि एक बार फिर इन हीरोज के पास जाकर उनके बारे में जानें।

PM को सेल्फी विद डॉटर का आइडिया देने वाले हरियाणा के सुनील जगलान

प्रधानमंत्री ने देशभर में जून, 2015 में सेल्फी विद डॉटर कैंपेन शुरू किया था। उन्‍होंने कहा, मैंने बेटी बचाओ अभियान हरियाणा से शुरू किया। ये अभियान पूरी दुनिया में फैल गया। जीवन में बेटी का स्थान कितना बड़ा होता है, इस कैंपेन से यह प्रकट हुआ। आज हरियाणा में जेंडर रेशियो में सुधार आया। उन्होंने इस कैंपेन का आइडिया देने वाले हरियाणा के सुनील जगलान से बातचीत की।

जम्मू-कश्मीर में पेंसिल स्लेट बनाने वाले मंजूर अहमद से बात की

प्रधानमंत्री ने कहा, साथियों मुझे संतोष है कि मन की बात में हमने नारी शक्ति की प्रेरणादायी गाथाओं का जिक्र किया है। छत्तीसगढ़ के गांव की महिलाओं के स्वच्छता अभियान चलाने वाले स्वसहायता समूह की बात की। तमिलनाडु की आदिवासी समुदाय की टेराकोटा कप बनाने वाली महिलाओं की बात की। वहीं 20 हजार महिलाओं ने वेल्लोर में नाग नदी को पुनर्जीवित किया। मन की बात में जम्मू-कश्मीर की पेंसिल स्लेट का जिक्र करते हुए मंजूर अहमद का जिक्र किया था। वो साथ हैं।

कमल के रेशों से कपड़े बनाने वाली मणिपुर की विजयशांति का जिक्र किया

पीएम मोदी ने कहा, साथियों हमारे देश में ऐसे कितने ही प्रतिभाशाली लोग हैं, जो मेहनत के बलबूते ही सफलता के शिखर तक पहुंचे हैं। विशाखापत्तनम के बैंकर मुरलीजी ने आत्मनिर्भर भारत का चार्ट शेयर किया था। बेतिया के प्रमोदजी ने एलईडी बल्ब का काम शुरू किया। मन की बात ही इनके उत्पादों को सामने लाने का माध्यम बना। हमने मेक इन इंडिया के अनेक उदाहरणों से स्पेस स्टार्टअप की चर्चा भी की।आपको याद होगा कि मणिपुर की विजयशांति के कमल के रेशों से कपड़े बनाने का जिक्र किया था। वो आज साथ हैं।

हिमालय क्षेत्र से कचड़ा उठाने का कैंपेन हीलिंग हिमालय शुरू करने वाले प्रदीप से बात

उन्‍होंने कहा, मन की बात ने जन आंदोलन ने जन्म लिया और गति पकड़ी। टॉय इंडस्ट्री को फिर से स्थापित करने का मिशन यहीं शुरू हुआ था। स्वान और देसी डॉग्स की मुहिम शुरू की। गरीब छोटे दुकानदारों से मोलभाव ना करने की मुहिम भी शुरू की थी। हर घर तिरंगा मुहिम भी मन की बात ने संकल्प से जोड़ा। ऐसे उदाहरण समाज में बदलाव का कारण बने। प्रदीप सांगवान ने हीलिंग हिमालय शुरू किया। प्रदीप हमारे साथ हैं।

यूनेस्को डीजी ने पूछा- एजुकेशन और कल्चर के लिए क्या योजना है?

हमने स्वच्छ सियाचिन, सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगातार बात की। पूरी दुनिया पर्यावरण को लेकर परेशान है। उसमें मन की बात का प्रयास अहम है। यूनेस्को डीजी ने हमसे बात की। यूनेस्को की तरफ से मैं मन की बात पर बधाई देती हूं। भारत और यूनेस्को का इतिहास बहुत पुराना है। एजुकेशन पर यूनेस्को काम कर रहा है। 2030 तक हम हर जगह अच्छी शिक्षा पहुंचाना चाहते हैं। हम संस्कृति को भी बचाना चाहते हैं। आप भारत का इसमें रोल बताइए?

यूनेस्‍को डीजी ने कहा, आपसे बात करके खुशी हो रही है। आपने शिक्षा और संस्कृति संरक्षण पर सवाल पूछा है। ये दोनों विषय मन की बात के पसंदीदा विषय रहे हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का विकल्प जैसे प्रयास हुए हैं। गुजरात में गुणोत्सव और शाला प्रवेश उत्सव शुरू किए थे। मन की बात में हमने लोगों के प्रयासों को हाईलाइट किया। एक बार हमने ओडिशा में ठेले पर चाय बेचने वाले स्वर्गीय डी प्रकाश राव के बारे में बात की, जो गरीब बच्चों को पढ़ाते थे। झारखंड के संजय कश्यप, हेमलता जी के उदाहरण हमने दिए।

उन्‍होंने कहा कि कल्चरल प्रिजर्वेशन के प्रयासों को भी जगह दी। लक्षद्वीप का क्लब, कर्नाटक का कला चेतना मंच... देश के कोने-कोने से मुझे उदाहरण भेजे गए। देशभक्ति पर गीत, लोरी और रंगोली के कंपटीशन शुरू किए। स्टोरी टेलिंग पर भी मैंने बात की। इस साल हम जी-20 की अध्यक्षता कर रहे हैं। यह वजह है कि एजुकेशन के साथ डायवर्स ग्लोबल कल्चर को समृद्ध करने के लिए प्रयास और तेज हुआ है।

हर एपिसोड में देशवासियों की सेवा और सामर्थ्य ने प्रेरणा दी है

उपनिषदों में कहा गया है- चलते रहो, चलते रहो, चलते रहो। आज हम इसी चरैवेति भावना के साथ मन की बात का 100वां एपिसोड पूरा कर रहे हैं। भारत के सामाजिक ताने-बाने को मजबूती देने में मन की बात माला के धागे की तरह है। हर एपिसोड में देशवासियों की सेवा और सामर्थ्य ने प्रेरणा दी है। एक तरह से मन की बात का हर एपिसोड अगले एपिसोड की जमीन तैयार करता है। यह कार्यक्रम हमेशा सद्भावना,सेवा भावना से आगे बढ़ा है। उन्‍होंने कहा कि मन की बात से जो शुरुआत हुई, वह देश की नई परंपरा भी बन रही है। ऐसी परंपरा, जिसमें सबका प्रयास की भावना दिखती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आकाशवाणी के साथियों को भी धन्यवाद, जो धैर्य के साथ इसे रिकॉर्ड करते हैं, ट्रांसलेटर जो विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करते हैं, दूरदर्शन और माई गांव, इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स का भी आभार व्यक्त करता हूं। उन्हें भी आभार देता हूं जो मन की बात की कमान संभाले हुए हैं। भारत के लोग और भारत में आस्था रखने वाले लोग। यह आपकी प्रेरणा से संभव है।आज समय और शब्द दोनों कम पड़ रहे हैं, मुझे भरोसा है कि आप मेरे भाव और भावनाओं को समझेंगे। आपके परिवार के सदस्य के रूप में आपके साथ रहा हूं, आपके बीच में रहा हूं और आपके बीच में रहूंगा। अगले महीने फिर मिलेंगे।