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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 4 Jul 2022 3:30 pm IST


बंगाली फिल्म निर्देशक तरुण मजूमदार का 92 साल की उम्र में निधन, उनकी उपलब्धियों पर डालें एक नजर


प्रसिद्ध भारतीय सिनेमा निर्देशक तरुण मजूमदार का निधन हो गया है। पद्म श्री पुरस्कार विजेता ने सुबह 11:17 बजे अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष के थे। मजूमदार को 14 जून से कोलकाता के SSKM अस्पताल में कई अंगों की खराबी के कारण भर्ती कराया गया था। कल से उनकी हालत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेशन सपोर्ट पर रखा गया था।

मजूमदार मिडिल क्लास परिवारों के जीवन को उजागर करने वाली कहानियों पर आधारित फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं उन्होंने अपने काम के लिए चार राष्ट्रीय पुरस्कार और पांच फिल्मफेयर पुरस्कार जीते। 1990 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने बालिका बधू (1967), कुहेली (1971), श्रीमन पृथ्वीराज (1973), फुलेश्वरी (1974), दादर कीर्ति (1980), भालोबासा भालोबासा (1985) और अपान अमर अपान (1990) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाईं। उनकी पत्नी संध्या रॉय ने उनकी बीस फिल्मों में और तापस पॉल ने आठ में अभिनय किया। मौसमी चटर्जी, महुआ रॉयचौधरी, अयान बनर्जी और तापस पॉल को उनके द्वारा सिल्वर स्क्रीन पर पेश किया गया था।

उन्हें अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार 1962 की बंगाली फिल्म कांचर स्वर्ग के लिए मिला था। उन्होंने पलटक (1963), निमंत्रण (1971), संसार सिमांते (1975) और गणदेवता (1978) जैसे अपने डायरेक्शनल वेचर्स के लिए क्रिटीक्स की ओर से भी काफी प्रशंसा प्राप्त की थी। उन्हें एक राष्ट्रीय पुरस्कार, एक बीएफजेए पुरस्कार और निमंत्रन (1971) के लिए एक फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। गणदेवता (1979) ने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया।

तरुण मजूमदार का आखिरी काम अधिकार नामक 2018 की डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म थी और उसी साल रिलीज हुई एक और फिल्म भालोबशर बारी थी। भालोबशर बारी में शिलाजीत और ऋतुपर्णा सेनगुप्ता ने अभिनय किया।