भगवान राम की तपस्थली देवप्रयाग में आयोजित हो रही शीतकालीन रामलीला में युवा कलाकारों के लयबद्ध चौपाई गायन और अपने कुशल अभिनय से दर्शक को भाव विभोर कर दिया।रामलीला मंच में राजा दशरथ द्वारा भगवान राम को चौदह वर्ष का वनवास दिये जाने तथा पत्नी धर्म निभाते सीता व भातृ धर्म निभाते लक्ष्मण के उनके साथ वन में जाने के दृश्य ने दर्शकों की आंखें नम कर दी। भगवान राम वन जाने से पूर्व उतारू राज के कपड़े ,बनाउ वेश मुनियों का, दे दिया माता पिता ने हमको दंडक वन का राज, रघुकुल रीति सदा चली आयी, प्राण जाए पर वचन न जाए जैसी चौपाइया ने सभी को भाव विभोर कर दिया।