आजकल हममें से ज्यादातर लोग घर से बाहर निकलते समय पानी की बोतल साथ जरूर ले जाते हैं। ये अच्छी आदत है, लेकिन असल सवाल ये है कि आप किस तरह की बोतल इस्तेमाल कर रहे हैं? सही पानी की बोतल चुनना आपकी सेहत और हाइड्रेशन दोनों के लिए जरूरी है। धातु की पानी की बोतलें, जैसे स्टेनलेस स्टील या एल्यूमिनियम की बोतलें, टिकाऊ, आसानी से ले जाने की सुविधा और पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण काफी पसंद की जाती हैं। लेकिन जब सेहत की बात आती है, तो कुछ और भी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
प्लास्टिक की बोतलें बिलकुल ना लें- प्लास्टिक की बोतलें हल्की और आसानी से मिल जाती हैं, इसलिए इन्हें ले जाना सुविधाजनक होता है। मगर इनसे पानी पीने के कई संभावित स्वास्थ्य जोखिम भी जुड़े हैं। गर्मी या धूप में रखने पर प्लास्टिक की बोतलों से हानिकारक रसायन पेय पदार्थों में मिल सकते हैं, जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।प्लास्टिक की बोतलों में पाए जाने वाले बिस्फेनॉल ए (BPA) और phthalates हार्मोन असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जिससे प्रजनन संबंधी समस्याएं, मोटापा और कुछ खास तरह के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही, प्लास्टिक की बोतलों से निकलने वाले रसायन पीने के पानी को दूषित कर सकते हैं।
पानी के लिए धातु की बोतलें सबसे अच्छा विकल्प- प्लास्टिक की बोतलों के बाद, पानी ले जाने के लिए मेटल या धातु की बोतलें सबसे अच्छा विकल्प हैं। सेहत के लिहाज से देखें तो धातु की बोतलें प्लास्टिक की बोतलों से कई मायनों में बेहतर हैं। ये टिकाऊ और लंबे समय तक चलती हैं। BPA या phthalates वाले प्लास्टिक के विपरीत, ये पानी में हानिकारक रसायन नहीं छोड़तीं।ये बोतलें तापमान को बनाए रखने में बहुत अच्छी होती हैं, जिससे पेय पदार्थ लंबे समय तक ठंडे या गर्म रहते हैं। ये खासियत खासकर बाहरी गतिविधियों, यात्रा या ऑफिस या स्कूल ले जाने के लिए बहुत उपयोगी होती है।
कौन सी धातु की पानी की बोतल सेहत के लिए है बेस्ट?
स्टेनलेस स्टील : स्टेनलेस स्टील की पानी की बोतलें टिकाऊ, हल्की और जंग लगने से बचाने वाली होती हैं। ये रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं करतीं, यानी ये पेय पदार्थों में कोई धातु जैसा स्वाद नहीं डालतीं, और आमतौर पर गर्म और ठंडे दोनों तरह के तरल पदार्थों को स्टोर करने के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं। साथ ही, स्टेनलेस स्टील को साफ करना आसान होता है और इनमें बदबू भी नहीं आती।
एल्यूमीनियम की पानी की बोतलें:ये हल्की और किफायती होती हैं। इन्हें रीसायकल भी किया जा सकता है, जो इन्हें पर्यावरण के अनुकूल विकल्प बनाती हैं। हालांकि, एल्यूमीनियम की बोतलों में धातु और पेय पदार्थ के बीच परस्पर क्रिया को रोकने के लिए एक परत (lining) हो सकती है, और कुछ लोग एल्यूमीनियम के संपर्क से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के कारण एल्यूमिनियम से बचना पसंद करते हैं।
तांबे की बोतलें: आयुर्वेदिक दवा में तांबे की बोतलों का सदियों से कथित स्वास्थ्य लाभों के लिए इस्तेमाल किया आता जा रहा है। तांबे में रोगाणुरोधी गुण होते हैं और ये पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
हालांकि, तांबा अम्लीय पेय पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है और रंग बदल सकता है या धातु जैसा स्वाद दे सकता है। जरूरी बात यह है कि तांबे का अत्यधिक सेवन हानिकारक हो सकता है, इसलिए तांबे की बोतलों का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए।