उत्तराखंड में गंजेपन की समस्या से जूझ रहे लोगों के हेयर ट्रांसप्लांट अब सिर्फ कॉस्मेटिक सर्जन और डर्मेटोलॉजिस्ट ही करेंगे। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने इसे लेकर नियम तय कर दिए हैं। इन नियमों को नेशनल मेडिकल कमीशन से भी मंजूरी मिल गई है।
बढ़ रही समस्या
वर्तमान में कई वजहों के चलते लोगों में गंजेपन की समस्या बढ़ रही है। कम उम्र में ही लोगों के बाल झड़ जा रहे हैं। ऐसे में हेयर ट्रांसप्लांट की डिमांड खासी बढ़ रही है। बड़ी संख्या में युवा, हेयर ट्रांसप्लांट करा रहे हैं जिससे इसने कारोबार की शक्ल ले ली है। अभी तक हेयर ट्रांसप्लांट के लिए कोई नियम न होने से एमबीबीएस डॉक्टरों के साथ ही बीडीएस और बीएएमएस डॉक्टर भी बालों का प्रत्यारोपण कर रहे हैं। इससे लोगों की जान को खतरा भी हो सकता है।
गलत ट्रांसप्लांट से जान का भी खतरा
हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया जटिल है, लेकिन कई लोगों ने इसे कारोबार बना दिया है। सर्जरी का पर्याप्त अनुभव व विशेषज्ञता न होने से ट्रांसप्लांट के केस बिगड़ भी रहे हैं। इस संबंध में बड़ी संख्या में लोगों ने मेडिकल काउंसिल से शिकायत की थीं। काउंसिल को पूर्व में एक ऐसी शिकायत भी मिल चुकी है जिसमें हेयर ट्रांसप्लांट के बाद एक युवक की मौत का आरोप लगाया गया था।