रुद्रप्रयाग: केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत के पक्ष में प्रचार करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गुप्तकाशी पहुंचे. जहां उनका स्थानीय जनता के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. इस दौरान गुफ्तकाशी में एक जनसभा का भी आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों और खास तौर पर महिलाएं हरीश रावत को सुनने पहुंची थी.
जनसभा में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने राज्य सरकार पर तीखे प्रहार किए. उन्होंने कहा केदारनाथ पैदल मार्ग पर 31 जुलाई को आई आपदा के कारण हजारों व्यापारियों को नुकसान पहुंचा, लेकिन धामी सरकार ने पीड़ितों को अब तक राहत देने में नाकाम रही है. धामी सरकार केदारवासियों की तकलीफ को नहीं समझ पा रही और ना ही मरहम लगाने का काम कर पा रही है. 2013 की आपदा से तुलना करते हुए पूर्व सीएम रावत ने कहा कांग्रेस की सरकार में जब वे मुख्यमंत्री थे, उनकी सरकार ने हर संभवमदद आपदा पीड़ितों तक पहुंचाई थी.
उन्होंने अपील करते हुए केदारनाथ की जनता से कहा कि वे अपनी जमीनें ना बेचें. सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जमीनों की दलाली इस समय चरम पर है. इस कृत्य में भाजपा सरकार और उनके संगठन के लोग शामिल हैं. उन्होंने कहा मनोज रावत ही वे पहले विधायक थे, जिन्होंने भू-कानून का मुद्दा विधानसभा में उठाया. केदारनाथ से शिला को दिल्ली ले जाने के प्रकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चुटकी ली.
हरीश रावत ने कहा सीएम धामी खुद को शंकराचार्य समझ बैठे, इसलिए दिल्ली में केदारनाथ बनाने चले थे. उन्होंने मनोज रावत के पक्ष में वोट मांगते हुए कहा केदार की जनता को ऐसा प्रतिनिधि चाहिए, जो किसी भी संकट की घड़ी में केदारनाथ की जनता के लिए मजबूत दिवार बनकर खड़ा हो सके. इस दौरान प्रदेश प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा भाजपा की केदरनाथ यात्रा की अनदेखी व समूचे क्षेत्र के साथ भेदभाव का बदला लेने का वक़्त अब आ गया है.