उत्तरकाशी रंवाईघाटी की प्रसिद्ध डांडा की जातर में रुद्रेश्वर महाराज के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा. डांडा की जातर में करीब सौ गांव के हजारों श्रद्धालुओं ने रुद्रेश्वर महाराज के दर्शन कर मन्नतें मांगी. डांडा की जातर में रंवाई की समृद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिली.
समुद्र तल से करीब साढ़े सात हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित देवराणा बेहद रमणीक स्थल है जो चारों तरफ से देवदार के गहने जंगलों से घिरा हुआ है. देवराणा में शदियों पुराना मंदिर है जहां असाढ़ माह में 65 गांव के आराध्य रुद्रेश्वर देवता के नाम से सामूहिक डांडा की जातर होती है. जिसमें हजारों की संख्या में पहुंचे. श्रद्धालु अपने आराध्य देव के दर्शन कर उन्हें हरियाली चुनरी,श्रीफल चढ़ा कर मन्नते मांगते हैं. देव पालकी के साथ नृत्य कर मेले का आनन्द लेते हैं. डांडा की जातर में शादियों से चली आ रही. परम्परानुसार अपराहन चार बजे देव माली बालक राम नौटियाल ने मंदिर के ऊपर बने लकड़ी के शेर की पीठ पर चढ़ कर मूर्ती को दूध का स्नान करवाने के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन करवाये और सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया.