कोलकाता: पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव से पहले हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस बीच कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पंचायत चुनाव में सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती का निर्देश दिया है।
चीफ जस्टिस शिवगणमन और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की
डिविजनल बेंच ने कहा कि चुनाव से पहले ही हिंसा की 12 घटनाएं हो चुकी हैं, इसलिए राज्य चुनाव आयोग उन सभी जिलों में सेंट्रल फोर्सेज
लगाए, जो संवेदनशील घोषित किए गए हैं। इसके अलावा
जिन इलाकों में केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया जा सकता, वहां राज्य पुलिस
सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले। कोर्ट ने केंद्र सरकार को सेंट्रल फोर्सेज उपलब्ध
कराने और उसका खर्च उठाने का निर्देश दिया है।
नामांकन दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने से इनकार
इसके अलावा बेंच ने राज्य चुनाव आयोग को नामांकन दाखिल करने
की समय सीमा बढ़ाने का निर्देश देने से इनकार कर दिया। बेंच ने कहा कि नॉमिनेशन की
तारीख बढ़ाने का फैसला राज्य चुनाव आयोग देखे। असल में, पश्चिम बंगाल के
चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने आठ जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पंचायत चुनाव के
शेड्यूल की घोषणा की थी। इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस ने दो जनहित याचिकाएं लगाई
थीं। इसमें पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन के
कुछ हिस्सों को चुनौती दी गई थी। वहीं, दूसरी याचिका
में सेंट्रल फोर्स तैनात करने की मांग की गई थी।