पर्यटन विभाग राज्य के दुर्गम पर्यटक स्थलों में पर्यटक आवास गृह स्थापित करने के बजाए कैरावैन पार्क विकसित करेगा। नैसर्गिक सौंदर्य से भरे इन पर्यटक स्थलों में पर्यटक कैरावैन में रहेंगे। कैरावैन का खर्च नहीं उठा पाने वाले पर्यटक लग्जरी टैंट में रह सकेंगे। इसमें पर्यटकों के लिए रेस्टोरेंट, पार्किंग, बिजली, पानी की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसे दूसरे स्थानों पर शिफ्ट भी किया जा सकेगा।
राज्य में कुमाऊं-गढ़वाल के सुदूरवर्ती क्षेत्र में नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर कई पर्यटक स्थल हैं। लेकिन पर्यटन विभाग इन स्थलों में करोड़ों रुपये खर्च कर पर्यटक आवास गृह बनाने की स्थिति में नहीं है। इसके विकल्प के रूप में पर्यटन विभाग ने कैरावैन पार्क विकसित करने का निर्णय लिया है। इन स्थानों पर पर्यटन विभाग कैरावैन के साथ ही रेस्टोरेंट, पार्किंग, बिजली-पानी सभी सुविधाएं विकसित करेगा।
मध्यम वर्गीय पर्यटकों के लिए लग्जरी टैंट स्थापित किए जाएंगे। यहां आकर पर्यटक अपने टैंट लगाकर भी पर्यटन का आनंद ले सकेंगे। पर्यटन विभाग द्वारा विकसित किए गए स्थानों पर यदि पर्यटक नहीं पहुंचते हैं तो इन्हें अन्यत्र स्थापित किया जा सकेगा। जबकि करोड़ों रुपये खर्च कर बनने वाले पर्यटक आवास गृहों के नहीं चलने की स्थिति में उसे फायदे में लाने।