देश-विदेश में कमल के फूलों की महक के लिए विख्यात कमलताल के अस्तित्व को बचाने की कवायद शुरू हो गई है। ताल के विलुप्त हो रहे कमल के फूलों को पुनर्जीवित करने के लिए जिला विकास प्राधिकरण ने दो लाख रुपये मंजूर किए हैं। कमलताल में कमल के पांच हजार नए पौध लगाने का लक्ष्य रखा गया है। कमल के फूलों के गुलजार रहने वाले कमलताल में एकाएक कमल के फूल तो दूर पत्ते तक गायब हो गए थे। कमलताल में कमल के फूलों के अस्तित्व पर आए संकट पर अमर उजाला ने दो जून के अंक में ‘फूल खिलना थो दूर, ताल में कमल के पत्ते तक नहीं आए’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद जिला पंचायत सदस्य अनिल चनौतिया ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से मुलाकात कर कमलताल अस्तित्व को बचाने की अपील की थी। कमिश्नर ने जिला विकास प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय को समस्या को गंभीरता से हल करने के निर्देश दिए थे। डीडीए सचिव पंकज उपाध्याय ने कमल ताल में 5000 कमल के पौधे लगाने के लिए दो लाख रुपये की धनराशि जारी कर दी है। ऊधमसिंह नगर के एक नर्सरी संचालक को कमल के पौधे उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए हैं। डीडीए सचिव पंकज उपाध्याय ने बताया कि कमलताल के अस्तित्व को बचाने के लिए जल्द कमल के पौधे झील में लगाए जाएंगे। कमलताल में कमल के फूलों की सुंदरता से पर्यटन कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।