लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द और अपराध
पर नियंत्रण का जिक्र योगी सरकार और बाबा के बुलडोजर के बिना अधूरा है। यही वजह है
कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को विशेष स्थान का दर्जा मिला है। बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान में जहां
सांप्रदायिक सौहार्द के मामले में कई हिंसक घटनाएं हुईं तो वहीं, एनसीआरबी की रिपोर्ट में
उत्तर प्रदेश में केवल एक सांप्रदायिक हिंसा हुई।
NCRB की रिपोर्ट में पिछले
साल पूरे देश में 378 सांप्रदायिक
हिंसा की घटनाएं दर्ज की गईं। इनमें सबसे ज्यादा घटनाएं झारखंड तो सबसे कम उत्तर
प्रदेश में दर्ज हुईं। झारखंड में बीते साल जहां सांप्रदायिक हिंसा की 100 घटनाएं हुईं तो वहीं, उत्तर प्रदेश में ऐसी सिर्फ एक घटना घटी।
साइबर क्राइम के मामले भी घटे
एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक सांप्रदायिक हिंसा की घटना दर्ज की गई। वहीं, हिंसक घटनाओं के महाराष्ट्र में 77, बिहार में 51, , हरियाणा में 40 और राजस्थान में 22 मामले दर्ज किए गए। जबकि वर्ष 2019 और वर्ष 2020 में यूपी में एक भी सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई। इसके अलावा साइबर क्राइम के मामले भी प्रदेश में वर्ष 2021 में घटकर 8,829 हो गए। यूपी में साइबर क्राइम के मामलों में 22.6 फीसदी की कमी आई है।