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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 8 Nov 2022 11:30 am IST


उत्तराखंड : छावला गैंगरेप मर्डर केस में तीनों आरोपी बरी... फैसले पर यकीन नही कर पा रहा परिवार


पौड़ी :  सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने किरन नेगी के परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसका दी। सोमवार को दिल्ली में 9 फरवरी 2012 के इस गैंगरेप व हत्याकांड को लेकर परिजनों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। निचली अदालतों ने आरोपियों के गुनाह को देखते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। छावला हत्याकांड पर तब लोगों में काफी गुस्सा था। निचली आदलतों के बाद बाद यह चर्चित मामला देश की सर्वोच्च अदालत पहुंच गया था। परिजनों के मुताबिक निचली अदालों में कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में करीब 8 साल लग गए। सोमवार को इस मामले में फैसला भी आ गया। तीनों आरोपी बरी हो गए।  लेकिन जैसे ही कोर्ट का आदेश सुनाई दिया, किरन परिजन सीधे कोर्ट पहुंच गए। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक किरन की मां महेश्वरी देवी ने कहा कि कोर्ट का फैसला सुनकर यकीन नहीं हो रहा है। अभी आदेश की कॉपी नहीं मिली है। वह कोर्ट के बाहर ही है। कहती है कि आखिर ऐसे कैसे हो सकता है कि सर्वोच्च अदालत ने कोई सजा ही नहीं सुनाई हो और तीनों आरोपी बरी हो गए।