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• Thu, 18 Jul 2024 4:12 pm IST


गुरु प्रदोष व्रत आज, जानें क्या है इस व्रत की महिमा


हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है. भगवान शिव को समर्पित ये तिथियां मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मंगलकारी मानी जाती हैं. प्रदोष व्रत जब गुरुवार के दिन पड़ता है तो इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है. आज गुरु प्रदोष व्रत है. आइए जानते हैं कि गुरु प्रदोष के दिन भगवान शिव की उपासना कैसे की जाती है और उनकी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.

गुरु प्रदोष व्रत की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 18 जुलाई 2024 की रात 8 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 19 जुलाई 2024 की रात 07 बजकर 41 मिनट पर होगा.

गुरु प्रदोष में पूजा का मुहूर्त
गुरु प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त 18 जुलाई को रात 08 बजकर 44 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है.

गुरु प्रदोष व्रत की महिमा
प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की उपासना से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. उनकी पूजा-अर्चना भी बेहद सरल है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से मनचाही इच्छा पूरी होती है. संतान संबंधी किसी भी मनोकामना की पूर्ति इस दिन की जा सकती है. गुरु प्रदोष व्रत रखने से शत्रु और विरोधी शांत होते हैं. मुकदमों और विवादों में विजय मिलती है. लेकिन गुरु प्रदोष व्रत में शिव की आराधना के कुछ विशेष नियम हैं. ऐसा कहते हैं कि इस व्रत का पूरा फल तभी मिलता है जब आप इस व्रत के सारे नियमों का पालन करते हैं.